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ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर का फैसला करेगी भवानीपुर सीट

8-may-2021
नंदीग्राम से ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी ने पटखनी दी है। इस हार के कारण ममता बनर्जी अभी तक विधायक नहीं हैं, हो सकता है कि उनकी सीएम की कुर्सी भी छिन जाए। दरअसल, चुनाव आयोग ने उपचुनाव पर रोक लगा रखी है, ऐसे में अगर ममता बनर्जी विधायक नहीं

हम जानते है की ममता बनर्जी विधायक नहीं है तो इसके चलते ममता के ऊपर सीएम की कुर्सी छिनने की तलवार लटकती नजर आ रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष ममता बनर्जी को राष्ट्रीय राजनीति की सबसे बड़ी नेत्री के तौर पर आगे बढ़ाने की कोशिश में है।
बीजेपी ममता बनर्जी की छवि को राजनीतिक रूप से कमजोर करना चाहती है, तो भवानीपुर की विधानसभा सीट के लिए बीजेपी को ममता के सामने एक कठिन चुनौती देनी होगी।
नंदीग्राम से ममता बनर्जी को शुभेंदु अधिकारी ने पटखनी दी है। इस हार के कारण ममता बनर्जी अभी तक विधायक नहीं हैं, हो सकता है कि उनकी सीएम की कुर्सी भी छिन जाए। दरअसल, चुनाव आयोग ने उपचुनाव पर रोक लगा रखी है, ऐसे में अगर ममता बनर्जी विधायक नहीं बनती हैं तो उन्हें इस्तीफ देना पड़ेगा।
ऐसे में टीएमसी के नेता बंगाल की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने की मांग लेकर दूसरी बार चुनाव आयोग के पास गए हैं। ऐसे में यदि ममता को बीजेपी बंगाल तक ही सीमित रखना चाहती है, तो आवश्यक होगा कि पार्टी ममता को एक बार फिर उपचुनावों में कठिन चुनौती देकर उनके राष्ट्रीय राजनीति में आने के सपने को तोड़े।
भले ही ममता की पार्टी टीएमसी दो महीने पहले संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर चुकी हो, किन्तु कड़वी हकीकत ये भी है कि ममता बनर्जी अभी विधायक तक नहीं हैं और सुवेंदु अधिकारी ने उन्हें झटका देते हुए नंदीग्राम सीट से हराया था। ऐसे में ममता सीएम बनने के बाद से लगातार राष्ट्रीय राजनीति के लिए हाथ-पैर मारने लगी हैं, लेकिन संभवत: ममता बनर्जी ये भूल गईं हैं कि वो अभी विधायक तक नहीं हैं।
बंगाल की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिसमें से ममता बनर्जी भी विधायक पद के लिए भवनीपुर से लडऩे की योजना में हैं, किन्तु दिक्कत ये है कि अभी चुनाव आयोग चुनाव कराने के मूड में नहीं दिख रहा है। टीएमसी नेता पिछले महीने चुनाव आयोग के पास 7 सीटों के लिए उपचुनाव कराने की मांग लेकर गए थे., किन्तु हाथ केवल निराशा ही लगी।
ऐसे में एक बार फिर टीएमसी के शीर्ष स्तर के नेताओं का एक धड़ा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग से मिला है, और राज्य के निर्वाचन आयुक्त आफताब आलम से अनुरोध किया है कि राज्य की सात विधानसभा सीटों पर जल्द-से-जल्द चुनाव कराए जाएं।
टीएमसी नेता जानते हैं कि यदि 90 दिन के अंदर ममता विधायक नहीं बनीं तो उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ेगा; एवं ये ममता बनर्जी के राजनीतिक कद के लिए एक झटका होगा।
ममता बनर्जी का सीएम पद से इस्तीफा देना टीएमसी में नई फूट की वजह बन सकता है, क्योंकि ममता बनर्जी के कमजोर होने पर अनेकों असंतुष्ट टीएमसी नेता ममता के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
ऐसे में यदि बीजेपी ममता को पुन: हराने में सफलता प्राप्त करती है, तो ये ममता के लिए न केवल बंगाल बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के परिपेक्ष्य में एक तगड़ा झटका बन सकती है, और इससे ममता का राजनीतिक भविष्य भी अंधकारमय हो सकता है।