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 22 अभ्यर्थियों को पास कराने का था ठेका, 2.64 करोड़ की डील

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टीजीटी परीक्षा के दौरान शिवकुटी में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि इस गिरोह ने 22 अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था जिसके लिए कुल 2.64 करोड़ की डील हुई थी। इन सभी अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र गिरोह के कब्जे से बरामद हुए हैं। जिनमें से प्रत्येक से 12 से 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की बात तय हुई थी। इसके अलावा 65 हजार नगद के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व कार समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं।

सरगना धर्मेंद्र कुमार उर्फ डीके निवासी कमलानगर सोरांव ने बताया कि वह पिछले पांच साल से गिरोह के 8-10 लोगों संग मिलकर यह काम कर रहा है। इसके पहले भी वह सिपाही भर्ती, सुपरटेट व सीटेट समेत कई परीक्षाओं में सॉल्वर बैठा चुका है। जनवरी 2020 में टेट परीक्षा के दौरान उसे कैंट पुलिस ने पकड़कर जेल भेजा था। गिरोह केअन्य सदस्यों ने पूछताछ में बताया कि वह कैंडिडेट खोजकर उनसे पोस्ट डेटेड चेक और उनके शैक्षिक प्रमाणपत्र ले लेते हैं। परीक्षा पास होने के बाद चेक से धनराशि निकाले जाने के बाद ही प्रमाणपत्र वापस करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कराते थे नकल
गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वह सॉल्वर को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कराते हैं। डिवाइस में सिम लगा होता है जो सॉल्वर के कान में फिट किए गए ब्लूटूथ ईयरबड से कनेक्ट कर दिया जाता है। इसी के जरिये आंसर बताकर सॉल्वर से पेपर हल कराया जाता है। परीक्षा होने के बाद बटन से भी छोटे आकार के ईयर बड को चुंबक केसहारे निकाल लिया जाता है। पुलिस से बचने के लिए वह सॉल्वर को कोडवर्ड में स्कॉलर और नकल कराने को स्कॉलरिंग कहकर पुकारते थे।

50 हजार एडवांस, परीक्षा पास होने पर लेते थे छह लाख

कौशांबी में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के सरगना विजयशंकर मिश्र से पूछताछ में भी अहम खुलासे हुए। एसटीएफ अफसरों ने बताया कि यह गिरोह 50 हजार रुपये एडवांस में लेता था जबकि परीक्षा पास होने के बाद अभ्यर्थियों से छह लाख रुपये वसूलता था। गिरोह में सरगना के अलावा चार अन्य सदस्य भी शामिल हैं जिनमें धूमनगंज में रहने वाला रेलवे इंजीनियर विनोद गुप्ता भी शामिल है।

एसटीएफटीजीटी परीक्षा के दौरान शिवकुटी में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि इस गिरोह ने 22 अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था जिसके लिए कुल 2.64 करोड़ की डील हुई थी। इन सभी अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र गिरोह के कब्जे से बरामद हुए हैं। जिनमें से प्रत्येक से 12 से 15 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने की बात तय हुई थी। इसके अलावा 65 हजार नगद के अलावा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व कार समेत अन्य सामान बरामद किए गए हैं। अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में सरगना ने बताया कि उसकी बेटी भी टीजीटी परीक्षा में अभ्यर्थी थी जिसकी जगह झूंसी स्थित केंद्र पर सॉल्वर बैठाना था। लेकिन एक दिन पहले बीएड परीक्षा में धरपकड़ के बाद महिला सॉल्वर ने परीक्षा में बैठने से इंकार कर दिया। यह भी बताया कि झूंसी स्थित लाला मोहन दास इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र के कक्ष निरीक्षक सीताराम सिंह को बेटी को नकल कराने केलिए मोबाइल भी दिया था।