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गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर से प्रयाग से काशी तक बनी बाढ़ की स्थिति..

उत्तर प्रदेश में नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण योगी आदित्यनाथ सरकार ने अलर्ट जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को स्थिति पर कड़ी नजर रखने को कहा है। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान (84.73 मीटर) के करीब पहुंच रहा है और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। कई इलाकों में पानी भर जाने से लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 84.03 मीटर और छतनाग में 83.30 मीटर दर्ज किया गया।

इसी तरह, यमुना का जल स्तर, जैसा कि उसी समय दर्ज किया गया था, नैनी में 83.88 मीटर था। दोनों नदियों ने लगभग 10-11 सेमी (पिछले चार घंटों से) की गति से तीनों बिंदुओं पर वृद्धि जारी रखी है। सिंचाई विभाग के अनुसार रविवार शाम तक यह खतरे के निशान को छू सकता है। गंगा नगर, नेवादा, अशोक नगर, बेली गांव, राजापुर के कुछ हिस्सों, सलोरी, बड़ा और छोटा बघारा, बद्र, सनौती, दारागंज और नागवासुकी जैसे कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ का पानी बालुआघाट में नदी के किनारे बारादरी तक पहुंच गया है।

वाराणसी में गंगा का जलस्तर 70 मीटर से ऊपर
प्रयागराज के अलावा वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है और इस तरह चेतावनी के स्तर को पार कर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इसकी सहायक नदी वरुणा के तट पर एक और अधिक चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि गंगा में बाढ़ आ गई और वरुण तट के दर्जनों इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। केंद्रीय जल आयोग के मध्य गंगा संभाग कार्यालय के बाढ़ बुलेटिन के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर पहले ही चेतावनी के स्तर 70.26 मीटर को पार कर चुका है।

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