संगम नगरी में सोमवार को गंगा – यमुना खतरे के निशान से आधा मीटर से ऊपर बहने लगी। इससे रिहायशी इलाकों की ओर बाढ़ का पानी घुसने लगा। यही हाल रहा तो मंगलवार तक तटीय इलाकों में हालात और बिगड़ जाएंगे। रात आठ बजे गंगा खतरे के निशान से 62 सेमी और यमुना 54 सेमी ऊपर पहुंच गईं। फिलहाल दोनों नदियां दो सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रही हैं।
बाढ़ से हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। तटवर्ती इलाके की बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है। सोमवार को शहरी इलाकों की ओर बाढ़ का रुख होने से लोगों के दिलों की धड़कनें तेज हो गईं। हालांकि इस दिन माताटीला से यमुना में पानी नहीं छोड़ा गया। कानपुर बैराज से भी गंगा में पानी नहीं छोड़ा गया।
इससे अगले 24 घंटे में यमुना का वेग रुकने की बात कही जा रही है। सिंचाई बाढ़खंड के एक्सईएन ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि यमुना की रफ्तार घटने लगी है। रात 10 बजे के बाद 1.50 सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा था। एक्सईएन का कहना है कि अगर फिर बारिश नहीं हुई और बांधों से पानी नहीं छोड़ा गया तो मंगलवार तक यमुना का वेग थम सकता है।
बाढ़ कंट्रोल रूम नंबर: 0532-2641577, 264157
बाढ़ नियंत्रण प्रभारी उपजिलाधिकारी सदर- 9454417814
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