यूपी के बाराबंकी में लाइसेंसी शराब की दुकान पर पुलिस और आबकारी टीम की संयुक्त छापेमारी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सरकारी ठेके पर शराब की शीशियों में सिरिंज (इंजेक्शन) से असली शराब निकाल कर उसमें नकली भरकर सरकारी दामों पर बेची जा रही थी। शुक्रवार को पुलिस ने भारी मात्रा में नकली क्यूआर कोड स्टीकर, शीशियां, ढक्कन, 3 लीटर नकली शराब और 89,380 रुपये कैश बरामद कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, मसौली थाना क्षेत्र के टेरासानी गांव के निकट सरकारी देसी शराब की दुकान पर यह काला कारोबार चल रहा था। इसका लाइसेंस जौनपुर की रहने वाली फेकनी देवी के नाम था। एसपी यमुना प्रसाद के निर्देश पर रामनगर सीओ दिनेश कुमार दुबे ने मसौली थाना और आबकारी टीम के साथ गुरुवार देर रात छापेमारी की। जहां नकली शराब बना रहे चंदौली जिले के रहने वाले अशोक जायसवाल और मनीष गुप्ता को गिरफ्तार किया। आरोपियों के अनुसार शराब अपमिश्रित का करोबार 5 से 6 महीनों से किया जा रहा था।
असली निकाल कर बनाते नकली शराब
पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों ने बताया कि सिरिंज से बिना ढक्कन वाली बोतल से आधी शराब निकाल लेते थे और उसमें उतना ही नशीला पदार्थ मिलाकर पानी भर देते थे। वहीं, प्लास्टिक वाली बोतल का ढक्कन खोलकर नकली शराब भरकर क्यूआर कोड लगा कर उसे सरकारी दामों पर बेचते थे।
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एएसपी ने दी जानकारी
एएसपी अवधेश सिंह ने बताया कि नकली शराब की सूचना पर पुलिस और आबकारी टीम ने कार्रवाई की है। एएसपी ने बताया कि सरकारी ठेके पर नकली शराब बेची जा रही थी। लाइसेंस धारक को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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