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वाराणसी में पति पत्नी और ठेकेदार ने मिलकर बिहार के मजदूर को उतारा था मौत के घाट

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साहब! मजदूर दिलीप रावत मेरी पत्नी पर अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव बनाता था और हमेशा उसके साथ अश्लील हरकत करता था। कई बार समझाने के बावजूद नहीं माना तो मजबूरन उसकी हत्या करनी पड़ी। ये बातें बिहार निवासी मजदूर की हत्या के आरोपी पप्पू गुप्ता ने वाराणसी की सिगरा पुलिस की पूछताछ में कही।

लल्लापुरा के प्रजापति हितकारिणी सामुदायिक भवन में दो अगस्त की रात वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकले हत्या के आरोपी पप्पू गुप्ता, पत्नी पूजा गुप्ता और ठेकेदार जितेंद्र कुमार को सिगरा पुलिस ने शुक्रवार सुबह कैंट रोडवेज बस स्टेशन परिसर से गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी वरुणा विक्रांत वीर ने बताया कि सिगरा थाना अंतर्गत लल्लापुरा स्थित प्रजापति हितकारिणी के निर्माणाधीन सामुदायिक भवन में दो अगसत को हत्या और चार अगस्त को मजदूर का शव मिलने के बाद प्रजापति हितकारिणी समाज के पदाधिकारी रतन लाल श्रीवास्तव ने हत्या सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी आधार पर पुलिस जांच में जुटी तो सीसीटीवी फुटेज में ठेकेदार और मजदूर दपंती की पहचान हुई थी।

गिरफ्तार आरोपी आजमगढ़ और बिहार के निवासी
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ठेकेदार और मजदूर दपंती की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। सिगरा इंस्पेक्टर अनूप शुक्ला को सूचना मिली कि हत्या के आरोपी रोडवेज बस स्टेशन से आजमगढ़ भागने की फिराक में है। टीम ने घेराबंदी करते हुए बिहार के चंपारण के भैरवगंज निवासी ठेकेदार जितेंद्र श्रीवास्तव और आजमगढ़ के महाराजगंज बदैना निवासी मजदूर दंपती पप्पू गुप्ता और पूजा गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी पप्पू गुप्ता ने बताया कि पखवाड़ेभर पूर्व सामुदायिक भवन में काम करने के लिए आए थे, इसी दौरान 30 जुलाई को छपरा निवासी दिलीप गुप्ता भी शाम को आने लगा। वह ठेकेदार जितेंद्र का परिचित था। आरोपी पप्पू गुप्ता ने पुलिस को बताया कि दिलीप की नीयत उसकी पत्नी पूजा पर खराब हो गई और वह अवैध संबंध बनाने के लिए दबाव बनाया करता था। कई बार उसकी करतूत को नजर अंदाज किया, लेकिन जब वह नहीं माना तो सबक सिखाने को ठाना गया।

आरोपियों ने पुलिस को बताया कि दो अगस्त को दिलीप आया और पत्नी संग अश्लील हरकत करने लगा। योजना के तहत उसे रात तक किसी तरह रोका गया और देर रात जितेंद्र ने लकड़ी के फट्टे से पहले दिलीप के हाथ पर वार करते हुए जख्मी किया और फिर पत्नी पूजा ने उसके दोनों पैर पकड़े और पप्पू ने मुंह पकड़ा। इसके बाद रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद भवन के आलमारी को तोड़कर साढ़े ग्यारह हजार रुपये लेकर पश्चिम बंगाल भाग निकले। आरोपियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बाद एक परिचित के यहां लुधियाना गए, जब लगा कि मामला शांत हुआ तो वाराणसी पहुंचे।

छपरा के रहने वाले दिलीप की करतूतों से अजीज आकर उसकी पत्नी ने सालभर पहले ही तलाक दे दिया था। इसके बाद से वह बनारस आकर मजदूरी का काम करता था। दिलीप का एक भाई अहमदाबाद और दूसरा भाई कोलकाता में काम करता है। घर पर उनकी मां अकेली रहती हैं। पिता का काफी पहले निधन हो चुका है।

मां-बाप संग चार साल की अंशिका भी गई जेल
चार साल की बच्ची अंशिका को नहीं मालूम कि उसके मां-बाप ने क्या अपराध किया है, वह जीप में सवार होकर कहां जा रही है। पप्पू और पूजा की चार साल की बेटी अंशिका भी माता-पिता के साथ जिला जेल गई। सिगरा थाना के हेल्पडेस्क पर महिला सिपाहियों से बिस्किट पाकर अंशिका हंसते खेलते हुए जीप में बैठकर जिला जेल चली गई।