सृष्टि में प्रकाश और ऊर्जा के संवाहक भगवान भास्कर की पूजा से समस्त संकट दूर होते हैं। श्रावण शुक्लपक्ष की सप्तमी पर सूर्य पूजन से सभी परेशानियां दूर होती हैं। कहते हैं कि इस दिन अगर कोई भक्त सच्चे मन से सूर्य भगवान की उपासना करता है, तो सूर्यदेव उसके सभी दु:ख को दूर कर देते हैं। सूर्यदेव को ऊर्जा का प्रतीक कहा गया है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य स्त्रोत का पाठ करने और सुनने वाले भक्तों को बहुत लाभ होता है। सूर्यदेव का स्थान नौ ग्रहों में सबसे श्रेष्ठ है। ग्रंथों के मुताबिक, इस महीने सूर्य का विशेष पूजन करना चाहिए। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो रविवार को सप्तमी तिथि होने से भानु सप्तमी का योग बनता है। सावन में चार साल बाद भानु सप्तमी का संयोग बन रहा है। तो आइए जानते हैं कि इस दिन किस विधि से पूजा करने से प्रसन्न होते हैं सूर्यदेव…
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