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सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह का मामला: फेसबुक पर लाइव आकर युवक युवती ने लगाई आग, पीड़िता के गांव पहुंची पुलिस

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बलिया जनपद के नरही थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाले युवती ने गाजीपुर के युवक के साथ सोमवार को दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली। दोनों को उपचार के लिए लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया। दिल्ली में हुई इस घटना की आंच नरही थाना क्षेत्र तक दिखाई दी। स्थानीय पुलिस ने युवती के घर पहुंच कर मामले की जानकारी ली। सुप्रीम कोर्ट के बाहर युवक और युवती के इस आत्मघाती कदम से क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गरम है।

युवती ने कुछ माह पहले सांसद अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। हाई प्रोफाइल मामले में युवती का आरोप है कि उसे निचली अदालतों में न्याय नहीं मिला। वर्तमान में मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सोमवार को इस मुकदमे की तारीख थी। उससे पहले ही दोनों ने आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की।

इस हाई प्रोफाइल दुष्कर्म के मामले की वादी युवती आरोप लगाने के बाद से गांव पर नहीं रहती है। गांव में इस प्रकरण को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग युवती के आरोप को राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं तो कुछ सही ठहरा रहे हैं। दिल्ली में सोमवार को हुई घटना के बाद नरही थाना प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह और स्थानीय चौकी प्रभारी धर्मेंद्र कुमार सिंह युवती के घर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। घर पर युवती की मां और भाई मिले। एसएचओ ने बताया कि दिल्ली के तिलकनगर थाने के इंस्पेक्टर युवती की मां से बात करना चाहते थे। इसके लिए मौके पर जाकर तिलकनगर थाना प्रभारी से मोबाइल से बात करा दी गई।

मऊ के घोसी लोकसभा सीट से सांसद अतुल पर आरोप लगाते हुए बलिया की रहने वाली पीड़िता ने एक मई 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। वाराणसी के एक कॉलेज की छात्रा रह चुकी पीड़िता का आरोप है कि अतुल राय ने सात मार्च 2018 को उसे लंका स्थित अपने फ्लैट में पत्नी से मिलाने के बहाने बुलाया था। वहां पहुंचने पर उसके साथ दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो भी बनाया।

पीड़िता के खिलाफ जारी हुआ था एनबीडब्ल्यू
दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भारतेंद्र सिंह की अदालत ने धोखाधड़ी मामले में गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। दो अगस्त को अदालत ने यह आदेश वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था।