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अपनों की सुरक्षा को लेकर भारत में रह रहे अफगानी चिंतित, लोगों को सुरक्षा देने के दावे पर बोले- तालिबान ने पहले भी वादा कर घोंपा था छुर्रा

वीरेंद्र शर्मा, नोएडा
अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल पर तालिबान ने कब्जा कर अपनी सत्ता का रास्‍ता साफ कर दिया है। जिसके बाद बाद काबुल में अफरा-तफरी का माहौल है। एयरपोर्ट पर लोगों में अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर जाने की भगदड़ मची है। वहीं, भारत में रह रहे अफगानी अपनों को लेकर चितिंत हैं। नोएडा में रहने वाले अफगानी नागरिक संगेर नियाजी इन्हीं में एक हैं।

संगेर नियाजी अफगान के जलालाबाद के रहने वाले हैं। ये 2013 में भारत में परिवार समेत शरण ले चुके हैं। तालिबान के कब्जे के बाद 15 हजार से ज्यादा उनके परिवार के लोग काबुल में फंसे हुए हैं। ये फिलहाल नोएडा के जेपी हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। नियाजी ने एनबीटी ऑनलाइन से बात करते हुए बताया कि रंजिश के चलते उनके भाई की हत्या कर दी गई थी।
पिता की मौत के बाद भारत में शरण ली थी। रिलेटिव समेत इनकी इनकी बहन काबुल में फंसी हुई है। अफगान में बदले हालात के बाद परिवार और देशवासियों को लेकर उनकी आंखों में आंसू हैं। काबुल में रहने वाले लोगों की आंखों में मौत का डर है। यहीं वजह है कि वो अफगानिस्तान छोड़ना चाहता है। जिसका मंजर एयरपोर्ट पर साफ देखा जा रहा है।

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पहले भी तालिबान वादा कर छुर्रा घोंप चुका है
उन्होंने बताया कि चीन, पाकिस्तान समेत कई पड़ोसी मुल्क तालिबान को सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे में भारत ही अफगानिस्तान के लिए सहारा है। भारत ने पहले भी अफगानिस्तान को सहारा दिया है। अपनी मित्रता निभाता आया है। उन्हें उम्मीद है कि भारत वहां के नागरिकों को शरण देगा। उन्होंने कहा कि अफगानी नागरिक फिलहाल भारत में ही शरण लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भले ही तालिबान नागरिकों की सुरक्षा देने का दावा कर रहा है, लेकिन वह पहले भी छुर्रा घोंप चुका है।

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