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UPSSSC PET General Knowledge 2021: क्या आपको है यूपी सरकार की इस योजना की जानकारी, जिसमें मिलती है 10 हजार से 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता

अगर आप उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं और आप अपना व्यक्तिगत तौर पर व्यवसाय संचालित करते हैं तो आपके लिए यह आर्टिकल बेहद ही महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। क्योंकि आज हम आपको इस लेख में सरकार द्वारा चलाई जा रही एक शानदार योजना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बाद आपका हजारों में नहीं बल्कि लाखों रुपये का सीधा लाभ हो सकता है। इसके अलावा अगर आप एक प्रतियोगी छात्र हैं और जल्द ही आने वाली पीईटी परीक्षा में शामिल होना है तो यह योजना आपके एग्जाम में भी पूछी जा सकती है। इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि अगर आप एक प्रतियोगी छात्र हैं तो अभी फ्री करेंट अफेयर्स PDF डाउनलोड कर अपने किसी भी एग्जाम का कंप्लीट रिवीजन और पक्की तैयारी कर सकते हैं।
ऐसे विस्तार से समझें पूरी योजना
अगर आपको भी अभी तक इस योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी तो आपको बता दें कि इस योजना के अंतर्गत  उत्तर प्रदेश के पारंपरिक कारीगरों व दस्तकारों जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई , सुनार लोहार, कुम्हार, हलवाई ,मोची आदि मजदूरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इस योजना का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जाएगा।  राज्य के जो इच्छुक लाभार्थी इस योजना के अंतर्गत  आवेदन करना चाहते है तो योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। और योजना का लाभ उठा सकते है। इस योजना के तहत प्रतिवर्ष  15 हजार से ज्यादा लोगों को काम काज मिलेगा। इस योजना के तहत मजदूरों को प्रदान की जाने वाली धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में पहुंचे जाएगी। इसलिए आवेदक का बैंक अकाउंट होना चाहिए और बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए।
क्या है योजना का मुख्य उद्देश्य
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लांच की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य कामगारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। सरकार का अनुमान है कि राज्य  के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे मजदुर आर्थिक रूप से कमज़ोर होने के कारण अपने कारोबार को आगे नहीं बढ़ा पाते।  इसी समस्या को दूर करने के लिए यूपी सरकार ने इस योजना को शुरू किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे पारंपरिक कारोबारियों तथा हस्तशिल्प की कला को प्रोत्साहित करना और आगे बढ़ाना। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना 2021 के ज़रिये इन मजदूरों को 6 दिन कि फ्री ट्रेनिंग प्रदान करना और स्थानीय दस्तकारों तथा पारंपरिक कारीगरों को छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता भी प्रदान करना।