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दिल्ली में बेटे की मौत, पुलिस ने नहीं दर्ज की FIR, इंसाफ की आस में पिता ने 17 दिन से डीप फ्रीजर में रखा शव

यूपी के सुल्तानपुर का रहने वाला शिवांक दिल्ली में रहता थादिल्ली में गुरलीन नाम की एक युवती से कर ली थी शादीकुछ दिनों पहले भाई को फोन करके हत्या की आशंका की थी जाहिर1 अगस्त हो हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, लेकिन पुलिस ने नहीं की एफआईआरसुल्तानपुर
दिल्ली में दिन पहले शिवांक पाठक (32) की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होगई थी। वह उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला था। शिवांक की मौत के 17 दिन बीत जाने के बाद भी पिता ने उनका शव डीप फ्रीजर में प्रिजर्व करके घर पर ही रखा है।

पिता का कहना है कि उनके बेटे की हत्या की गई। वह एफआईआर कराने थाने गए लेकिन कोई केस दर्ज नहीं हुआ। अब उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश देने की अपील की है। कोर्ट में इस केस की सुनवाई बुधवार को होनी है।

2013 में गुलीन कौर से कर ली थी शादी
शिव प्रसाद पाठक सेना से रिटायर्ड हैं। उनका बड़ा बेटा शिवांक 2012 में दिल्ली गया था। यहां पर एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगा। बाद में उसने एक अन्य शख्स के साथ मिलकर एक कंपनी खोली। कंपनी में एचआर के तौर पर नौकरी करने आई युवती के साथ शिवांक ने 2013 में शादी कर ली।

शिवांक ने जाहिर की थी हत्या की आशंका
पिता का आरोप है कि युवती ने लाखों की प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली। उसके बाद वह शिवांक पर मानसिक दबाव बनाती थी। पिता का आरोप है कि 19 जुलाई 2021 को शिवांक ने अपने छोटे भाई इशांक को फोन करके अपनी हत्या की आशंका जाहिर की थी। उसने कहा था कि उसकी हत्या की जा सकती है या फिर किसी आपराधिक षडयंत्र में फंसाया जा सकता है। इस बातचीत की रिकॉर्डिंग इशांक के मोबाइल में है।

गुरलीन बताया बहोश हुआ शिवांक
रेलवे में नौकरी करने वाले इशांक लखनऊ में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि शिवांक की पत्नी और मेरी भाभी गुरलीन कौर ने दिल्ली के मोतीनगर इलाके में रहने वाली मेरी बहन पूनम मिश्रा को फोन करके कहा कि शिवांक बेहोश हो गया है। उसका शरीर पीला पड़ गया है। वे लोग वहां पहुंचे और उसके सरकारी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी न देने का आरोप
पिता ने कहा कि 1 अगस्त को उन्हें बेटे की मौत की सूचना मिली। यह संदिग्ध मौत थी। उन्होंने कहा कि जब तक उनके बेटे की मौत का मामला दर्ज नहीं हो जाता, तब तक वह उसके शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनके भाई की मौत के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी। यहां तक कि उन लोगों को शिवांक के पोस्टमॉर्टम की कोई रिपोर्ट भी नहीं दी गई।

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