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राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर रेलवे क्रासिंग को ‘पैक’ करने का प्लान, नाराज ग्रामीणों ने सांसद को बनाया ‘बंधक’

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में लखनऊ रेलखंड पर रेलवे द्वारा क्रासिंग बन्द करने की शिकायत पर मौके पर पहुंचे सांसद उपेंद्र रावत को उनके घर में ही गुरुवार को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। राष्ट्रपति के दौरे से पहले सुरक्षा के मद्देजनर रेलवे विभाग क्रासिंग पर दीवार उठाना चाहता है।रेलवे क्रासिंग पर दीवार बनने से ग्रामीणों ने घरों में कैद होने का आरोप लगा कर सांसद आवास पर रेलवे विभाग के खिलाफ नारेबाजी से असहज होकर सांसद मौके पर पहुंच कर आश्वासन दिया है।

लखनऊ रेलखंड के सफेदाबाद निकट परेठिया गांव की क्रासिंग 182- सी दोनों ओर रेलवे विभाग द्वारा दीवार खड़ी करने की कवायत पर नाराज परेठिया, जरूवा, काशीपुरवा, डल्लूखेड़ा, भिटौली व भोजपुर के करीब 300 ग्रामीण गुरुवार की सुबह नगर क्षेत्र के लखपेड़ाबाग स्थित सांसद उपेंद्र सिंह रावत के आवास पहुंच कर रेलवे विभाग पर ग्रामीणों को सुविधा न देने का आरोप लगा कर नारेबाजी करने लगे।

रेलवे क्रासिंग पर पहुँचे सांसद ने डीआरएम को दिए निर्देश
सांसद आवास पर अचानक सैकड़ो की संख्या में पहुंची भीड़ से सांसद ने तुरंत डीआरएम एनआर एसके बत्रा से बात कर समाधान को कहा लेकिन ग्रामीण इससे संतुष्ट नहीं हुए। गेट बंद कर ग्रामीण नारेबाज़ी करने लगे जिससे असहज होकर सांसद रेलवे क्रासिंग के हालात लेने मौके पर पहुँच गए। वहां पर हालात देखकर उन्होंने डीआरएम से सील किए जा रहे रास्ते को तुरंत खुलवाने को कहा। मौके पर सांसद ने डीआरएम को बताया कि दीवार बनाने का कार्य चल रहा है। इसे तुरंत रूकवाया जाए। इन ग्रामीणों को आने जाने के लिए या तो क्रासिंग दी जाए या अंडरपास दिया जाए। सांसद ने विकास व राजस्व विभाग के अफसरों को मौके पर तलब कर इस क्रासिंग से हाईवे तक जाने वाले रोड पर अवैध कब्जा हटवाकर निर्माण के निर्देश दिए हैं।

राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर बननी है दीवार
28 अगस्त को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लग्ज़री प्रेसिडेंशियल ट्रेन से गोरखपुर जाने का कार्यक्रम तय है।जिसकी तैयारी और सुरक्षा को लेकर रेलवे विभाग युद्ध स्तर की तैयारी में जुटा है। जिसपर लखनऊ रेलखंड में पड़ने वाली परेठिया (182-C) रेलवे क्रासिंग पर रेलवे विभाग ने दीवार उठाने के लिए दोनों ओर गड्ढा खोद दिया है।

ग्रामीणों का आरोप
प्रदर्शन कर रहे परेठिया, जरूवा, काशीपुरवा, डल्लूखेड़ा, भिटौली व भोजपुर के ग्रामीणों ने बताया कि तकरीबन 10 हज़ार आबादी वाले ग्रामीणों को गांवों से लखनऊ हाईवे तक पहुंचने के लिए रेलखंड पड़ता है। यहां पर पहले रेलवे क्रासिंग 182-सी था। पिछले पांच साल पहले से इस रेलवे क्रासिंग को समाप्त कर गेटमैन को हटा दिया गया। फिर कुछ दिन बाद यह रेलवे क्रासिंग बंद कर रास्ता खत्म कर दिया गया। इन गांवों के लोगों के आवागमन का ध्यान नहीं रखा गया। इस पर मोटरबाइक आदि को ग्रामीण इधर से ही निकालकर आते जाते रहते हैं। क्रासिंग के दोनों ओर दीवार खड़ा करने से ग्रामीण आम सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे और भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

रेलवे विभाग विकल्पों पर कर रहा विचार
डीआरएम एसके बत्रा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में कहा है कि परेठिया पर अवैध अनमैंड क्रासिंग है। यह रेल ऑपरेशन व जनता दोनों के लिए खतरनाक है। इससे 700 मीटर की दूरी पर पहले से एक रेलवे क्रासिंग मौजूद है। इतनी नजदीक कैसे क्रासिंग दी जा सकती है। टीम मौके पर भेजी थी। वहां पर अंडरपास बनाने की स्थिति नहीं है। जल्द ही जिला प्रशासन के अफसरों के साथ मौके पर जाकर स्थाई समाधान निकलने का प्रयास होगा।

राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर रेलवे क्रासिंग को ‘पैक’ करने का प्लान, नाराज ग्रामीणों ने सांसद को बनाया ‘बंधक’