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सुप्रीम कोर्ट में चल रहा केस, नोएडा अथॉरिटी के सीईओ-एसीईओ को जानकारी तक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रॉजेक्ट के दो टावर को लेकर हुई सुनवाई में नोएडा अथॉरिटी को लेकर जो टिप्पणी की थी वह चर्चित हो गई है। हैरानी की बात यह है कि केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इसकी जानकारी प्लानिंग विभाग की तरफ से नोएडा अथॉरिटी की सीईओ या एसीईओ को नहीं दी गई थी।

प्लानिंग विभाग का एक मैनेजर बगैर किसी अधिकारी को जानकारी दिए इस केस में सुप्रीम कोर्ट जा रहे थे। कोर्ट की टिप्पणी के बाद खबरों से अथॉरिटी के अधिकारियों को इस केस की जानकारी हुई। अधिकारियों ने इस पर नाराजगी जताई। अथॉरिटी की सीईओ ने इस कार्यशैली पर मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए चार्जशीट तैयार कर शासन को भेज दी है।

प्लानिंग विभाग में मचा हड़कंप
सीईओ की इस कार्रवाई से प्लानिंग विभाग में हड़कंप है। वहीं केस की जानकारी मैनेजर अधिकारियों से क्यों छिपा रहा था। इसको लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। यह केस सुपरटेक बिल्डर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया है। इसमें नोएडा अथॉरिटी का भी पक्ष कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मांगा है।

नोएडा अथॉरिटी ने शुरू की जांच
सवाल यह भी उठ रहा है कि अथॉरिटी की तरफ से बिल्डर के दोनों टावर को लेकर जो पक्ष कोर्ट में रखा गया उसकी भी आधिकारिक मंजूरी थी या नहीं। क्या अकेला मैनेजर ही केस की जानकारी अधिकारियों से छिपाने में शामिल था यह भी सवाल बना हुआ है। सूत्रों की माने तो इसको लेकर एक जांच भी नोएडा अथॉरिटी में शुरू हो गई है।

केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है यह जानकारी नहीं दी गई थी। प्लानिंग विभाग के मैनेजर के खिलाफ शासन में चार्जशीट भेजी गई है। प्रकरण के और भी बिंदुओं पर जांच करवाई जा रही है।

रितु माहेश्वरी, सीईओ, नोएडा अथॉरिटी।

मैनेजर का तबादला दूसरी अथॉरिटी में हो गया
नोएडा अथॉरिटी की तरफ से चार्जशीट प्लानिंग विभाग के मैनेजर मुकेश गोयल के खिलाफ शासन में भेजी गई है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही मुकेश गोयल का तबादले का आदेश शासन से जारी हो चुका था। सुनवाई के बाद मुकेश गोयल ने शासन से जारी आदेश के मुताबिक अपनी नई तैनाती वाली अथॉरिटी में ज्वाइन कर लिया है।