24 aug 2021
पाकिस्तान और तालिबान अब अपना असली रूप दिखा रहा है। संगठन के नाम पर जैसे तालिबान कट्टरपंथियों का अड्डा है ठीक उसी प्रकार से पाकिस्तान में जिहादी और कट्टरपंथियों की फौज नापाक चाल से भारत समेत दुनिया को आतंकी गतिविधियों व कट्टरपंथ से प्रभावित करने का कुचक्र रच रहा हैं जो आने वाले समय में नाकाम होगी इसकी शुरूआत पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रही सुरक्षा परिषद की बैठक में अफगानिस्तान मुद्दे पर विश्व के देशों को आतंक के मुद्दे पर एकजुट कर की है।
इसी प्रकार से देखा जाये तो आज पाकिस्तान की तालिबान से यारी और उसको पालने की बात एक षडयंत्र है। इसका खुलासा तो पहले भी हो चुका है जब पाकिस्तान और तालिबान के झण्डे एक साथ देखे गये थे जो कि मीडिया में वायरल भी हो चुका है।
पाकिस्तान अपने आर्मी के माध्यम से तालीबानी आतंकियों को पाल रहा है और उन्हें प्रशिक्षण देकर तैय्यार कर रहा है। इसका खुलासा स्वयं तालिबान की तरफ से हो रहा है। तालिबान के लड़ाके का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उस लड़ाके ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान की सेना से उसे प्रशिक्षण मिला है।
वास्तव में पाकिस्तान का तालिबान को पनपाने में अपना स्वार्थ छिपा है भारत की शांति भंग करने का कुचक्र रचना और पीओके में आतंक का खौफ बनाना जिससे कश्मीर में अशांति और अलगाववाद फैल सके। कहा जा रहा है कि तालिबान ने अफगानिस्तान की जेलों में बंद जिन आतंकियों को छोड़ दिया है अब उनका इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के जरिए घुसपैठ कराने में कर सकता है
इसी कड़ी में पाकिस्तान की आतंकी साजिश का एक बार फिर पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तान हमेशा से ही आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित पनागगाह रहा है। इसका ताजा उदाहरण तालिबान द्वारा छोड़े गए जैश के आतंकियों को शरण देने को लेकर है।
अफगानिस्तान की जेलों में बंद पाकिस्तानी आतंकियों को तालिबान ने किया रिहा है।
उक्त पूरे परिदृश्य में यह ज्ञात होता है कि तालिबान और पाकिस्तान की सांठ-गांठ पर अल्पविराम लगाने पीएम मोदी वैश्विक स्तर पर तैय्यारी कर रहे हैं, इसका एक उदाहरण है कि विदेशमंत्री जयशंकर का यूएनएससी में दिया गया भाषण जिसमें उन्होंने आतंकवाद को दुनिया के लिये खतरा बताया था। आतंकवाद को टारगेट करने से ही तालिबान और पाक की नापाक चाल नाकाम होगी ।
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