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वाराणसी : एसएसयू शुरू करेगा हिंदू अध्ययन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, होगा देश का पहला विश्वविद्यालय

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सार
वाराणसी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) वर्तमान सत्र से हिंदू अध्ययन में दो साल का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि एसएसयू  ऐसा करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय होगा।

वाराणसी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू)
– फोटो : SSU

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वाराणसी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) वर्तमान सत्र से हिंदू अध्ययन में दो साल का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि एसएसयू  ऐसा करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय होगा। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की भी इसी तरह का कोर्स शुरू करने की योजना है।

एसएसयू के कुलपति प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि एमए हिंदू अध्ययन के पाठ्यक्रम को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। पाठ्यक्रम को विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें आईआईटी-कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर नचिकेता तिवारी, जेएनयू के प्रोफेसर रामनाथ झा, बीएचयू से सेवानिवृत्त प्रोफेसर कमलेशदत्त त्रिपाठी, ओडिशा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजकिशोर स्वाई, बीएचयू से प्रोफेसर विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्रा और बीएचयू से प्रोफेसर विजय शंकर शुक्ला शामिल हैं। 

इन पर आधारित होगा पाठ्यक्रम

प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह ने वेदांत, भारतीय दर्शन, वेद, शास्त्रार्थ (हिंदू मूल्यों पर बहस), ज्ञान मीमांसा (ज्ञान की परीक्षा), रामायण, महाभारत, हिंदू कला और भाषा जैसे विषयों को शामिल करने वाले पाठ्यक्रम को मौखिक स्वीकृति दी है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा, कई धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन और पश्चिमी और भारतीय दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन भी इसका हिस्सा है। 

एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा

प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, पश्चिमी दर्शन और अन्य विषयों के प्रोफेसर हैं जो एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं, शुरुआत में ये ही प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा, इस पाठ्यक्रम के लिए एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें थोड़ा समय लगेगा। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता स्नातक होगी।

हाल ही में हुआ था वेबिनार

वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) के जनसंपर्क अधिकारी शशिंद्र मिश्रा ने कहा, दो वर्षीय एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए हाल ही में यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह की अध्यक्षता और आरएसएस के दिग्गज डॉ कृष्ण गोपाल, स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती और उपाध्यक्ष के संरक्षण में एक वेबिनार का आयोजन किया गया था।

इसमें देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों सहित दो दर्जन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और कुलपतियों ने भाग लिया था। इस दौरान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति (वीसी) प्रोफेसर वीके शुक्ला ने पूरे पाठ्यक्रम के संबंध में एक प्रस्तुति दी थी। वेबिनार में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) के वीसी प्रोफेसर त्रिपाठी भी शामिल हुए। 

विस्तार

वाराणसी का संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) वर्तमान सत्र से हिंदू अध्ययन में दो साल का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करेगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि एसएसयू  ऐसा करने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय होगा। इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की भी इसी तरह का कोर्स शुरू करने की योजना है।

एसएसयू के कुलपति प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि एमए हिंदू अध्ययन के पाठ्यक्रम को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। पाठ्यक्रम को विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें आईआईटी-कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर नचिकेता तिवारी, जेएनयू के प्रोफेसर रामनाथ झा, बीएचयू से सेवानिवृत्त प्रोफेसर कमलेशदत्त त्रिपाठी, ओडिशा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बृजकिशोर स्वाई, बीएचयू से प्रोफेसर विंध्येश्वरी प्रसाद मिश्रा और बीएचयू से प्रोफेसर विजय शंकर शुक्ला शामिल हैं। 

इन पर आधारित होगा पाठ्यक्रम

प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह ने वेदांत, भारतीय दर्शन, वेद, शास्त्रार्थ (हिंदू मूल्यों पर बहस), ज्ञान मीमांसा (ज्ञान की परीक्षा), रामायण, महाभारत, हिंदू कला और भाषा जैसे विषयों को शामिल करने वाले पाठ्यक्रम को मौखिक स्वीकृति दी है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा, कई धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन और पश्चिमी और भारतीय दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन भी इसका हिस्सा है। 

एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा

प्रोफेसर त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, पश्चिमी दर्शन और अन्य विषयों के प्रोफेसर हैं जो एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं, शुरुआत में ये ही प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाएंगे। इसके अलावा, इस पाठ्यक्रम के लिए एक नया विभाग स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें थोड़ा समय लगेगा। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता स्नातक होगी।

हाल ही में हुआ था वेबिनार

वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) के जनसंपर्क अधिकारी शशिंद्र मिश्रा ने कहा, दो वर्षीय एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए हाल ही में यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह की अध्यक्षता और आरएसएस के दिग्गज डॉ कृष्ण गोपाल, स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती और उपाध्यक्ष के संरक्षण में एक वेबिनार का आयोजन किया गया था।

इसमें देश के सभी संस्कृत विश्वविद्यालयों सहित दो दर्जन विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और कुलपतियों ने भाग लिया था। इस दौरान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति (वीसी) प्रोफेसर वीके शुक्ला ने पूरे पाठ्यक्रम के संबंध में एक प्रस्तुति दी थी। वेबिनार में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (एसएसयू) के वीसी प्रोफेसर त्रिपाठी भी शामिल हुए।