27-AUG-2021
पीएम मोदी के नेतृत्व में कश्मीर से धारा-३७० हटाया गया था उससे अलगाववादी नेताओं और पाकिस्तान को करारा झटका लगा । ठीक उसी प्रकार से अभी पिछले दिनों आतंकी साजिशों का पर्दाफाश किया गया था जिसमें ये संकेत मिले कि ड्रोन हमला जो कि जम्मू-कश्मीर के एयरपोर्ट के पास किया गया था उसमें पाकिस्तान का हाथ था। इसके अलावा बरामद ड्रोन के बारे में जानकारी दी गई कि यह चीन में निर्मित है। इससे यह साबित हुआ कि किस प्रकार से पाकिस्तान और चीन भारत का अहित चाहने के लिये अपनी तकनीक का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
देश में ड्रोन से हमले के खतरे को देखते हुए सरकार बेहद सतर्क हो गई है। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से लगी सीमा पर कई बार ड्रोन देखे जाने की घटना के बाद सरकार ने देश में नए ड्रोन नियमों को ऐलान किया है। अब भारत में उडऩे वाले सभी ड्रोन इन नियमों के अंतर्गत आएंगे।
यह पॉलिसी उन लोगों के लिए बनाई गई है, जिनका स्वामित्व भारत में ड्रोन के लिए है। नए नियम के तहत ड्रोन डीजीसीए की वेबसाइट में रजिस्टर होना चाहिए, जिसमें इंजन नंबर, मालिक का नाम, मोबाइल नंबर और अन्य विवरण होने चाहिए। ड्रोन मालिक के पास डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के तहत यूनिक आईडी होनी चाहिए।
भारत के एनएसए अजित डोभाल ने भी ब्रिक्स देशों की बैठक में आतंक विरोधी एजेंडा बनाया था जिसके मुताबिक आतंकियों की फंडिंग रोकना, इंटरनेट का इस्तेमाल करने पर नजर और उनके आने-जाने व सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने की बात हुई थी जिसे सभी ब्रिक्स देशों ने सहमती दी थी।
ड्रोन से हमला करने वाली तकनीक पाकिस्तान के हाथ चीन से ही लगी है। अब पाकिस्तान अपने रहनुमा आतंकियों को ट्रेनिंग तो दे ही रहा है साथ ही उन्हें चीन की मदद से ड्रोन जैसे आधुनिक हथियार से हमले करवाने का कुचक्र रच रहा है।
गौरतलब है कि देश की सेना ने जिस प्रकार से पाकिस्तानी सेना और घुसपैठियों का खदेड़ा है उससे आतंकियों की हिम्मत नहीं हो पा रही है भारत के अंदर दाखिल होने की। कई रिपोर्ट में खुलासा भी हो चुका है कि किस प्रकार से दर्जनों पाकिस्तानी आतंकी पीओके की तरफ से जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की योजना बना रहे थे जिसे भारतीय जाबाज सैनिकों ने विफल कर दिया।
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