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छठवीं के छात्र की अपहरण कर हत्या, शव मिर्जापुर में पहाड़ी पर फेंका, आरोपी गिरफ्तार

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सरायइनातय में रहने वाले छठवीं कक्षा के छात्र अंकित (12) पुत्र मूलचंद की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। दो अपहरणकर्ता उसे अगवा कर मिर्जापुर स्थित पहाड़ी पर ले गए और फिर शव फेंककर भाग आए। फोन से फिरौती की रकम मांगने पर पुलिस ने ट्रेस कर उन्हें पकड़ा तो छात्र की हत्या का खुलासा हुआ। उनकी निशानदेही पर एक टीम मिर्जापुर पर पहुंचकर दिनभर खोजबीन में जुटी रही लेकिन शव बरामद नहीं हो सका। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है।

मृतक छात्र अंदावा का रहने वाला था। उसका पिता टेंपो चलाता है। 19 अगस्त को दोपहर 3.30 बजे वह कुछ सामान लेने के लिए घर से निकला और फिर नहीं लौटा। बहुत खोजबीन के बाद भी कुछ पता नहीं चलने पर 21 अगस्त को परिजनों ने सरायइनायत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस तलाश में जुटी रही लेकिन छात्र की कोई खबर नहीं मिली। बुधवार दोपहर और शाम को छात्र के परिजनों के पास अज्ञात नंबर से फोन कर 30 लाख फिरौती मांगी गई। रुपये न देने पर बच्चे की हत्या की धमकी दी गई।

परिजनों की सूचना पर पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से नंबर ट्रेस किया और फिर कोरांव निवासी दो युवकों को हिरासत में ले लिया। कड़ाई से पूछताछ में दोनों ने सनसनीखेज खुलासा किया। बताया कि उन्होंने छात्र की हत्या कर दी है और मिर्जापुर स्थित पहाड़ी पर फेंक दिया है। इस जानकारी पर बृहस्पतिवार को पुलिस की एक टीम मिर्जापुर के ड्रमंडगंज पहुंचकर दिनभर तलाश में जुटी रही लेकिन शव बरामद नहीं किया जा सका।

रुपयों के लिए किया था अपहरण
सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि उन्होंने रुपयों की लालच में यह वारदात की। दरअसल दोनों का मृतक छात्र के बारा स्थित ननिहाल में आना-जाना था और इसी वजह से छात्र भी उन्हें अच्छी तरह से पहचानता था। पिछले दिनों उन्हें जानकारी मिली कि मृतक छात्र के पिता ने अपनी पैतृक जमीन एक बिल्डर के हाथों 70 लाख में बेची है। जिसके बाद उन्होंने उसके बेटे को अगवा कर फिरौती वसूलने की योजना बनाई।

इसलिए करनी पड़ी हत्या
सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया है कि उनकी योजना फिरौती वसूलकर छात्र को छोड़ देने की थी, लेकिन वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। दरअसल तय योजना के मुताबिक, 19 अगस्त को उन्होंने बहाने से छात्र को घर से बाहर बुलाया। इसके बाद घुमाने का झांसा देकर उसे अपने साथ मिर्जापुर के ड्रमंडगंज ले गए। वहां से जब छात्र ने वापस चलने को कहा तो उसे मारने-पीटने के साथ धमकाया। इस पर छात्र चीखने-चिल्लाने लगा। जिस पर वह डर गए और पहाड़ी पर ले जाकर उसकी हत्या कर दी। फिर शव फेंककर भाग निकले।

सोचा था, मिल जाएंगे रुपये
हत्या के बाद फिरौती मांगने के सवाल पर दोनों ने बताया कि उन्होंने सोचा था कि छात्र के परिवारवाले उन्हें रुपये दे देंगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ट्रेस कर लिया। आरोपियों से देर रात तक पूछताछ जारी रही। मामले में पुलिस अफसर फिलहाल कुछ भी बोलने से इंकार करते रहे। डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गुमशुदगी दर्ज है। जांच पड़ताल की जा रही है।