हाइलाइट्सकोरोना की दूसरी लहर की वजह से सांकेतिक हो रही थी आरतीकरीब 5 महीने बाद फिर अपने पुराने स्वरूप में शुरू हुई आरतीदशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती 7 अर्चकों के साथ हुईअभिषेक कुमार झा, वाराणसी
करीब 5 महीनों के बाद काशी के घाट पर होने वाली महाआरती अपने पुराने स्वरूप में होने लगी है। 11 अप्रैल को कोरोना के मामलों में तेजी आने के बाद लॉकडाउन लगाया गया था। जिसके बाद से सांकेतिक रूप से एक अर्चक द्वारा घाट पर आरती की जा रही थी, लेकिन करीब 140 दिनों के बाद शनिवार को फिर से गंगा की दैनिक आरती अपने पुराने भव्य और पारम्परिक स्वरूप में शुरू हुई।
11 अप्रैल को लॉकडाउन लगने के बाद प्रशासन ने सांकेतिक आरती की अनुमति दी थी। आम लोगों के लिए भी दैनिक आरती में भाग लेने पर रोक लगा दी थी। करीब 140 दिनों के बाद दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती 7 अर्चकों के साथ हुई। पिछले साल भी करीब 8 महीने तक गंगा आरती एक अर्चक के साथ सांकेतिक रूप से आयोजित करने की अनुमति थी।
बाढ़ का पानी नीचे उतरने पर वाराणसी में शुरू हुई पारम्परिक गंगा आरती
7 अर्चक, 14 देव कन्याओं के साथ हुई आरती
दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती कराने वाले संस्था गंगा सेवा निधि के सुशांत मिश्र ने बताया कि 5 महीनों के बाद शनिवार को एक बार फिर से गंगा आरती अपने दिव्य और भव्य रूप में हो रही है। शनिवार से फिर 7 अर्चक विधिवत वैदिक मंत्र्त्रोचार के साथ शुरू कराया गया है। अर्चकों के साथ 14 देव कन्याएं भी महा आरती में शामिल हुईं। आज की आरती के लिए विशेष रूप से घाट को फूलों से सजाया गया।
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