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आगरा मेट्रो अनोखी तकनीक से बनाएगी बिजली और रोशन होंगे स्टेशन, समझिए कैसे होगा काम

सुनील कुमार, आगरा
आगरा मेट्रो ईको-फ्रेंडली होने के साथ ही तकनीकी रूप से भी बेहद उन्नत होगी। मेट्रो ट्रेनों में रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली के जरिए बिजली का उत्पादन किया जाएगा। यूपीएमआरसी के एमडी ने बताया कि आगरा मेट्रो ना सिर्फ सड़कों पर वाहनों से होने वाले कार्बन उत्तसर्जन में कमी लाएगी, बल्कि आगरा मेट्रो ट्रेन खुद बिजली का उत्पादन भी करेंगी। यूपी मेट्रो के एमडी कुमार केशव ने बताया कि भारी वाहनों में ब्रेकिंग प्रक्रिया के दौरान घर्षण (फ्रिक्शन) के कारण ऊर्जा उत्पन्न होती है।

रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली में इसी ऊर्जा का प्रयोग कर बिजली का उत्पादन किया जाता है। कुमार केशव ने बताया कि रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा को स्टेशन परिसर में लिफ्ट एवं स्वचलित सीढ़ियों के संचालन जैसे विभिन्न कार्यों के लिए प्रयोग किया जाएगा।

कैसे होता है बिजली का उत्पादन?
पारंपरिक अथवा मिकैनिकल ब्रेकिंग प्रणाली में गाड़ी को रोकने के लिए ब्रेक शू का प्रयोग किया जाता है। इस प्रणाली में ब्रेकिंग के दौरान व्हील पर ब्रेक शू के रगड़ने से ऊष्मा (हीट एनर्जी) उत्पन्न होती है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो पाता। रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली में ब्रेक शू के अलावा पहियों को एक जेनेरेटर से जोड़ा जाता है, इसके बाद गाड़ी में ब्रेक लगने की प्रक्रिया के दौरान पहिये इस जेनेरेटर को घुमाते हैं जिससे बिजली का उत्पादन होता है।

29 किमी लंबे दो कॉरिडोर में बनेंगे 27 स्टेशन
आगरा में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा, जिसमें 6 एलिवेटेड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे।