सिविल लाइंस में शिक्षा निदेशालय का बाबू 30 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे पकड़ा और फिर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए यह कार्रवाई की। आरोप है कि उसने एक शिक्षक से बकाया वेतन भुगतान के लिए रिश्वत मांगी थी।
आरोपी अनिल कुमार शिक्षा निदेशालय के माध्यमिक शिक्षा विभाग में बतौर प्रधान सहायक तैनात है। उसके खिलाफ कुछ महीनों पहले विजिलेंस को शिकायत मिली थी कि वह बकाया वेतन भुगतान व अन्य कार्योें के लिए रिश्वत की मांग करता है। मिर्जापुर के कछवा स्थित गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज के एक शिक्षक की ओर से भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि 19 जनवरी 2018 से 31 अक्तूबर 2018 तक वह निलंबित रहा था।
बाद में सेवा बहाल होने पर उसने निलंबन अवधि के बकाया भुगतान के लिए आवेदन किया था। जिसके लिए उससे प्रधान सहायक अनिल ने 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी। विजिलेंस ने जानकारी जुटाना शुरू किया तो पता चला कि आरोपी बाबू की आम शोहरत ठीक नहीं है। कई अन्य शिकायतें भी सामने आईं। जांच में शिकायत सही मिलने पर उसे पकड़ने के लिए बृहस्पतिवार को जाल बिछाया गया। दोपहर 2.30 बजे के करीब भुक्तभोगी के माध्यम से आरोपी को शिक्षा निदेशालय के पास ही बुलवाया गया। इसके बाद 30 हजार रुपये रिश्वत लेते उसे रंगेहाथ हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद सतर्कता अधिष्ठान, प्रयागराज सेक्टर में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
रिश्वत मांगने वाले की करें शिकायत
विजिलेंस अफसरों की ओर से बताया गया है कि सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है तो उसकेखिलाफ तुरंत शिकायत दर्ज कराई जाए। पीड़ित व्यक्ति की ओर से 9454404859 या 9454401866 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
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