आयकर विभाग में तैनात कर्मी के साथ गजब फर्जीवाड़ा हुआ है। जमीन बेचने के एवज में उसके नाम पांच-पांच लाख रुपये के दो चेक जारी किए गए थे। चेक उसने इंडियन ओवरसीज बैंक में लगाए, लेकिन उन चेकों का भुगतान किसी ने गाजीपुर की एसबीआई शाखा से करा लिया। अब वह न्याय के लिए अफसरों के चक्कर काट रहा है। शाहपुर, पीपल गांव निवासी राम आशीष प्रयागराज में ही आयकर विभाग में कर्मचारी हैं। उन्होंने अपनी 117 वर्ग गज भूमि गाजीपुर निवासी रामाश्रय पंकज एवं निर्मला देवी को बेची है। इसके एवज में इन दोनों ने राम आशीष को अपनी गाजीपुर शाखा से पांच-पांच लाख रुपये के चेक से भुगतान किया था।
इस चेक पर राम आशीष का नाम भी लिखा गया था। इन दोनों चेकों को कैश कराने के लिए राम आशीष ने प्रयागराज में इंडियन ओवरसीज बैंक की सिविल लाइंस शाखा में जमा किया। जहां से यह दोनों चेक निकलकर गाजीपुर पहुंच गए और वहां से उनका कैश भुगतान भी कर दिया गया। अब इस धोखाधड़ी को लेकर पीड़ित राम आशीष अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं। सिविल लाइंस थाने में उन्होंने तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। इस धोखाधड़ी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रयागराज के इंडियन ओवरसीज बैंक सिविल लाइंस शाखा में लगाए गए चेक गाजीपुर जिले की स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मिश्र बाजार शाखा से कैश हो गए, इसे लेकर बैंक के अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। बड़ा सवाल यह है कि पांच-पांच लाख रुपये के दो चेक स्टेट बैंक की मिश्र बाजार शाखा गाजीपुर से किसके आदेश पर और किसने कैश कराए? क्योंकि आरबीआई की गाइड लाइन के अनुसार 50 हजार से ऊपर के चेक जो कैश किए जाते हैं, उनके लिए अलग नियम बनाए गए हैं। जबकि, उक्त दोनों चेक के पीछे रामआशीष के हस्ताक्षर और उसकी खाता संख्या अंकित थी। इसके बावजूद इस तरह का फर्जीवाड़ा विचारणीय बन गया है। इस पूरे फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच कराई गई तो इसमें इंडियन ओवरसीज बैंक की सिविल लाइंस शाखा और भारतीय स्टेट बैंक मिश्र बाजार शाखा गाजीपुर शाखा के कई कर्मियों का गला नपने से इंकार नहीं किया जा सकता।
आयकर विभाग में तैनात कर्मी के साथ गजब फर्जीवाड़ा हुआ है। जमीन बेचने के एवज में उसके नाम पांच-पांच लाख रुपये के दो चेक जारी किए गए थे। चेक उसने इंडियन ओवरसीज बैंक में लगाए, लेकिन उन चेकों का भुगतान किसी ने गाजीपुर की एसबीआई शाखा से करा लिया। अब वह न्याय के लिए अफसरों के चक्कर काट रहा है। शाहपुर, पीपल गांव निवासी राम आशीष प्रयागराज में ही आयकर विभाग में कर्मचारी हैं। उन्होंने अपनी 117 वर्ग गज भूमि गाजीपुर निवासी रामाश्रय पंकज एवं निर्मला देवी को बेची है। इसके एवज में इन दोनों ने राम आशीष को अपनी गाजीपुर शाखा से पांच-पांच लाख रुपये के चेक से भुगतान किया था।
इस चेक पर राम आशीष का नाम भी लिखा गया था। इन दोनों चेकों को कैश कराने के लिए राम आशीष ने प्रयागराज में इंडियन ओवरसीज बैंक की सिविल लाइंस शाखा में जमा किया। जहां से यह दोनों चेक निकलकर गाजीपुर पहुंच गए और वहां से उनका कैश भुगतान भी कर दिया गया। अब इस धोखाधड़ी को लेकर पीड़ित राम आशीष अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं। सिविल लाइंस थाने में उन्होंने तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। इस धोखाधड़ी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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