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UP: यूपी विधानसभा में एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड, विकास दुबे की पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए पार्टियों ने किया संपर्क

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कानपुर में जुलाई 2020 को विकास दुबे और उनके साथियों ने किया था नरसंहारदबिश देने गई पुलिस पर बरसाई थीं ताबड़तोड़ गोलियांसीओ समेत आठ पुलिसकर्मी हुई थे शहीद, आरोपियों में अमर दुबे का नाम था शामिलअमर दुबे की तीन दिन पहले नाबालिग खुशी से हुई थी शादीपुलिस ने खुशी दुबे को भी आरोपी बनाकर भेज दिया था जेलकानपुर
कानपुर के बिकरू कांड ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था। यह घटना जुलाई, 2020 में हुई थी। गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने कथित तौर पर 8 पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। यह घटना अब उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण राजनीति का रूप ले रही है।

सूत्रों के मुताबिक, कुछ राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दिवंगत विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे मिले हैं। दुबे परिवार के एक सदस्य ने बताया कि दो दलों के नेताओं ने प्रस्ताव के साथ ऋचा से संपर्क किया है।

परिवार के संपर्क में राजनीतिक पार्टियां
परिवार के सदस्य ने कहा, ‘नेताओं ने कहा कि यही एकमात्र तरीका है, जिससे वह परिवार की पीड़ा का बदला ले सकती हैं और अपने दो बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित कर सकती हैं। इन पार्टियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके कार्यकर्ता उनके अभिमान का ध्यान रखेंगे।’

ऋचा दुबे ने नहीं लिया है फैसला
परिवार का कहना है कि ऋचा ने अभी तक राजनीति में आने का मन नहीं बनाया है। संयोग से, ऋचा ने 2015 में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जिला पंचायत चुनाव लड़ा था। हालांकि, बिकरू नरसंहार के बाद, समाजवादी पार्टी ने इस बात से इनकार किया कि ऋचा उनकी सदस्य रही हैं।

‘निर्दोष ब्राह्मणों को बनाया जा रहा निशाना’
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने अपने ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलनों’ (ब्राह्मण सम्मेलनों को पढ़ें) में बार-बार कहा है कि बिकरू मामले में ‘निर्दोष ब्राह्मणों’ को निशाना बनाया गया था। हालांकि मिश्रा ने विकास दुबे पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने अपने संदेश को रेखांकित करने के लिए बिकरू नाबालिग विधवा खुशी दुबे का उदाहरण दिया।

बीएसपी ने पहले ही कहा, लड़ेगी खुशी का केस
सतीश मिश्रा ने कहा कि पिछले एक साल से जेल में बंद खुशी को बसपा कानूनी सहायता देगी। खुशी 16 साल की थी जब उसने एक अन्य बिकरू आरोपी अमर दुबे से शादी की। शादी के तीन दिन बाद बिकरू हत्याकांड हुआ और उसके बाद पुलिस मुठभेड़ में अमर दुबे मारा गया।

पार्टियों का हमला लगातार जारी
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, खुशी के साथ किया गया व्यवहार अनुचित था। पुलिस ने उसके खिलाफ आरोपों को सूचीबद्ध नहीं किया है,फिर भी उसे जमानत से वंचित किया।

एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पुलिस के पास सभी छह मुठभेड़ों के लिए एक ही स्क्रप्टि थी। हम आरोपियों का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन उन्हें गोली मारने के बजाय गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अदालत में मुकदमा चलाया जाना चाहिए था। कई गैर-ब्राह्मण माफिया हैं जो खुले घूम रहे हैं। और उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।’

ऋचा दुबे और विकास दुबे (फाइल फोटो)