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Editorial: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार को वैश्विक मुद्दा बनाने भारत ने यूएन में आवाज बुलंद की है

16-9-2021

पाकिस्तान धर्म के नाम पर किस प्रकार से कट्टरंपथ का उपासक बना है यह सर्वविदित है। उसी प्रकार से भारत ने भी अब पाकिस्तान के कट्टरवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
भारत के द्वारा पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों हिन्दू, सिख व इसाईयों के लिये आवाज बनने का जरिया यूएन बना है।
यूएन में पूर्व में भी भारत ने आवाज उठाई है। पाकिस्तान के आतंकी गतिविधियों और धार्मिक अत्याचारों के खिलाफ जैसे ही यूएन में आवाज उठाई गई है वैसे ही धीरे-धीरे पाकिस्तान को तालीबान का सहयोगी मानने की भी वजहें ठोस बनती जा रही है। पाकिस्तान पर लगातार ये आरोप लगता रहा है कि वह आतंक की जन्मभूमि है इसके साथ ही अब कट्टरंपथियों के कारण उस पर असहिष्णुता का भी धब्बा लगा है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् यानी हृ॥क्रष्ट में पाकिस्तान पर हमला बोला है. भारत के प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है. वहां हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराया जाता है. अल्पसंख्यक महिलाओं पर तरह-तरह के अत्याचार किए जाते हैं. भारत ने कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देना पाकिस्तान की नीति में शामिल है. यहां तक संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों का भी पाकिस्तान समर्थन करता है. भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक विफल देश है, इसलिए हमें ज्ञान न दे.
अब मोदी सरकार ने धार्मिक अत्याचारों को विश्व के सामने लाकर जो काम किया है उससे चीन भी पाकिस्तान को बचा नहीं पायेगा क्योंकि चीन खुद भी यह भलीभांति समझ चुका है कि वह खुद भी अपने उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार करता रहा है।