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कार्रवाई : बुजुर्ग की गुमशुदगी में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अपहरण की एफआईआर 

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बेली हास्पिटल से मई महीने में लापता बुजुर्ग रामलाल यादव के मामले में अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। विवेचक का कहना है कि बुजुर्ग को तलाशने के लिए पुलिस पूरा प्रयास कर रही है। डाक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। कौशांबी के कड़ा धाम के रहने वाले रामलाल यादव (82) दिल्ली बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रिटायरमेंट के बाद वह गांव में ही रह रहे थे।

मई महीने की शुरूआत में कोरोना से उनकी हालत बिगड़ी तो चार मई को उन्हें बेली अस्पताल में भर्ती किया गया। पांच मई को बेटे राहुल से डाक्टरों ने बताया कि रामलाल की हालत ज्यादा गंभीर हो गई है, उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है। आठ मई को राहुल ने पिता का हाल लेने के लिए डाक्टरों से संपर्क किया तो पता चला कि आईसीयू में रामलाल हैं ही नहीं। राहुल के पैरों तले जमीन खिसक गई। कोरोना वार्ड होने के कारण राहुल को वार्ड में नहीं जाने दिया गया।

उसने बहुत प्रयास किया लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला। पुलिस और अस्पताल प्रशासन से जब राहुल को कोई मदद नहीं मिली तो उसने हाईकोर्ट की शरण ली। इसी बीच 26 मई को कैंट थाने में रामलाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अस्पताल और पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की थी। इस बीच पांच सितंबर को पुलिस ने बेली अस्पताल प्रशासन के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली। इस मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर चंद्रभान प्रसाद ने बताया कि पुलिस बुजुर्ग की तलाश में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। बेली अस्पताल के कई डाक्टरों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा चुकी है।