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UP: फर्जी शिक्षक भर्ती कराने वाले गिरोह का मुख्य आरोपी चढ़ा STF के हत्थे, किए चौंकाने वाले खुलासे

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लखनऊ
यूपी एसटीएफ ने फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले शुक्रवार को गिरोह को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पूछताछ में कई राज खोलते हुए प्रयागराज के परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के एक कर्मचारी की मिलीभगत बताई थी। जिसके बाद शुक्रवार देर रात ही शहर छोड़ने की फिराक में जुटे उस कर्मचारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में कर्मचारी की मिलीभगत आई थी सामने
शुक्रवार सुबह लखनऊ के विभूतिखंड थाना से फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे शिक्षकों की नियुक्ति करने वाले गिरोह को गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ ने बताया था कि गिरोह प्रतियोगिता परीक्षाओं का रिजल्ट निकालने वाली कंपनी से साठगांठ कर TGT, PGT और TET के माध्यम से भर्ती कराने का काम भी करता था। इस काम में प्रयागराज के परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने सख्ती दिखाते हुए देर रात उसे भी प्रयागराज स्थित रोडवेज बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि देर रात गिरफ्तार हुए कर्मचारी का नाम नरेंद्र कनौजिया है, जोकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्य करता है। शुक्रवार सुबह गिरोह के सरगना समेत 3 लोगों की गिरफ्तारी के साथ कर्मचारी का नाम सामने आने के बाद आरोपी नरेंद्र बस के सहारे प्रयागराज छोड़ने की फिराक में था, लेकिन मुखबिर से सूचना मिलने के बाद उसे देर रात करीब पौने 1 बजे बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी कर्मचारी ने भी पूछताछ में कई राज खोले हैं।

भर्ती शिक्षकों के सत्यापन के लिए प्रति शिक्षक 50 हजार वसूलता था आरोपी
आरोपी नरेंद्र कनौजिया ने बताया कि गिरोह का सरगना रामनिवास फर्जी शिक्षक भर्ती कराने का काम करता है। बीते कई सालों से नियुक्त किए जा रहे फर्जी शिक्षकों के सत्यापन का कार्य परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के स्तर से कराया जा रहा है। इन भर्ती शिक्षकों के सत्यापन का कार्य सचिव, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से होता है। जिसमें राम निवास की पूरी मदद नरेंद्र करता था। इसके एवज में राम निवास प्रति कैंडिडेट 50 हजार रुपये नरेंद्र कनौजिया को सौंपता था।

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खुद बर्खास्त होकर फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराने लगा गिरोह का सरगना रामनिवास
यूपी एसटीएफ ने आरोपियों से पूछताछ के बाद खुलासा करते हुए बताया कि गिरोह का सरगना रामनिवास खुद फ़र्जी डॉक्यूमेंट्स के सहारे शिक्षक की नौकरी पाया था। इसकी सच्चाई का पता चलते ही रामनिवास को बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्ती के बाद खुद गिरोह बनाकर फर्जी शिक्षकों की भर्ती का रैकेट चलाना शुरू कर दिया। एसटीएफ के अफसरों ने बताया कि यह गिरोह अभी तक 100 से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की अलग-अलग जिलों में फर्जी तरह से जॉइनिंग करा चुका है।