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Narendra Giri: जब नरेंद्र गिरी ने की DIG की शिकायत और मुलायम ने कर दिया सस्पेंड, 17 साल पुराना किस्सा

Authored by सुधाकर सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Sep 21, 2021, 3:28 PM

Narendra Giri Story महंत नरेंद्र गिरी का एक 17 साल पुराना किस्सा है। उस वक्त मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) यूपी के सीएम थे। नरेंद्र गिरी का (Narendra Giri Allahabad DIG Dispute) इलाहाबाद के तत्कालीन डीआईजी आरएन सिंह विवाद हो गया था।

 

प्रयागराज
प्रयागराज की बाघंबरी गद्दी और सियासत का पुराना नाता रहा है। मुलायम सिंह यादव हों, अखिलेश यादव या फिर सीएम योगी आदित्यनाथ। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के संबंध सभी राजनेताओं से आत्माीय और मित्रवत थे। 17 साल पुराना एक किस्सा याद आता है। मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह और नरेंद्र गिरी का एक आईपीएस अधिकारी से विवाद हो गया।

महंत नरेंद्र गिरी से डीआईजी की हुई थी अनबन
2003 में मुलायम सिंह ने यूपी की सत्ता संभाली। इसी दौरान 2004 में इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के डीआईजी थे आरएन सिंह। बताया जाता है कि जमीन के एक मामले को लेकर उनके एक करीबी और महंत नरेंद्र गिरी में अनबन हो गई। इस विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि डीआईजी आरएन सिंह खुद हनुमान मंदिर के पास महावीर मार्ग पर धरना देने के लिए बैठ गए। दरअसल मुलायम सिंह से संबंधों की वजह से स्थानीय पुलिस को भी कुछ सूझ नहीं रहा था। एक तरफ महकमे का आला अफसर था और दूसरी ओर महंत जिनकी मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत थी।

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‘मुझे याद है आरएन सिंह धरने पर बैठे थे’
एनबीटी ऑनलाइन ने इस घटना की सत्यता को लेकर यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह से बात की। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया, ‘2004 में मेरी पोस्टिंग यूपी-नेपाल बॉर्डर पुलिस में थी। मुझे याद है कि इलाहाबाद में आरएन सिंह धरने पर बैठे थे। मैंने तब भी कहा था कि सर्विंग अफसर या रिटायर्ड अफसर को धरना प्रदर्शन शोभा नहीं देता है। हम लोग गवर्नमेंट सर्वेंट कंडक्ट रूल से सर्विस के दौरान या सर्विस के बाद भी बंधे हैं। ऐसा मठ ढूंढना मुश्किल है, जिसके बारे में आरोप ना लगे हों। हमारा काम दर्शन करना है। आप पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी हैं। अगर आपको कोई शिकायत हो तो आप शासन-प्रशासन से कह सकते हैं लेकिन धरना प्रदर्शन करना वरिष्ठ पद पर शोभा नहीं देता है। सर्विंग पुलिस अफसरों को धरना प्रदर्शन नहीं देना चाहिए। अगर कोई मामला हो तो उसकी शिकायत देकर सीआईडी, एंटी करप्शन या लोकायुक्त से जांच करा लें।’

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सस्पेंड हो गए थे डीआईजी आरएन सिंह
नरेंद्र गिरी और आईपीएस आरएन सिंह के इस मामले को लेकर तत्कालीन मुलायम सरकार की किरकिरी भी हुई थी। डीआईजी आरएन सिंह धरने से उठने को तैयार नहीं थे। एसएसपी से लेकर कई आला अधिकारी उनकी मान-मनौवल करने आए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बताया जाता है कि इसके बाद नरेंद्र गिरी ने मामला मुलायम सिंह के पास पहुंचा दिया। उस वक्त मुलायम सिंह ने नरेंद्र गिरी का पक्ष लेते हुए डीआईजी आरएन सिंह को सस्पेंड कर दिया था। सत्ता के गलियारों में इस घटना की काफी चर्चा हुई थी।

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महंत को सीएम योगी-अखिलेश की श्रद्धांजलि
इस बीच प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी को श्रद्धांजलि देने के लिए नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस मामले में एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा। सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि कुंभ को वैश्विक पहचान दिलाने में महाराज नरेंद्र गिरि का बड़ा योगदान रहा है। उनका दुखद अवसान हम सभी खास तौर पर धार्मिक और आध्यात्मिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है। सीएम ने कहा कि इस संवेदनशील प्रकरण में अनावश्यक बयानबाजी से बचें और जो जिम्मेदार होगा उसे कानून के दायरे में लाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बाघंबरी पीठ पहुंचे और नरेंद्र गिरी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। अखिलेश यादव ने पूरे मामले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। अखिलेश ने कहा कि पूरा देश यह सच जानना चाहता है कि आखिर महंत नरेंद्र गिरी जी के साथ क्या हुआ था।