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महंत नरेंद्र गिरी की मौत पर कांग्रेस ने उठाए सवाल- 13 पन्नों का सुसाइड लेटर कौन लिखता है

आशीष सुमित मिश्रा, लखनऊ
प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद जहां एक तरफ उनके भक्तों और शिष्यों में शोक की लहर है तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है। इसी सिलसिले में लखनऊ में कांग्रेस मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक प्रमोद तिवारी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि प्रयागराज की घटना बेहद दुखद है और इस घटना से संबंधित जिस प्रकार के तथ्य सामने आ रहे हैं, वह संदेह पैदा कर रहे हैं। वहीं, महंत की मौत मामले में 13 पन्नों का सुसाइड नोट भी सामने आया है।

बिना पोस्टमॉर्टम के आत्महत्या क्यों बताया गया
उन्होंने कहा कि फांसी और गला दबाने में एक फर्क होता है और बिना पोस्टमॉर्टम के आत्महत्या करार क्यों दिया गया? ऐसी जल्दबाजी क्यों की जा रही है? उन्होंने कहा कि यह साधु-संतों की 21वीं हत्या है। आज सबसे बड़ी मुसीबत कर्मचारियों पर आई हुई है। उन्होंने कहा कि तमाम साधु-संत सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस भी इसका समर्थन करती है।

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‘सुसाइड नोट कभी भी इतने पेज का नहीं होता’
प्रमोद तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग भी करें। उन्होंने कहा कि एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सुसाइड नोट पर सवाल उठाते हुए कहा कि सुसाइड नोट कभी भी इतने पेज का नहीं होता है।

कांग्रेस ने उठाए कई सवाल
उन्होंने कहा कि महंत जी भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे के बहुत ही करीब थे। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कौन सा बीजेपी का दबाव था, जो महंत जी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। इसके अलावा महंत नरेंद्र गिरा जी का जहां शव मिला है, उस पर भी सवाल उठाए हैं। कहा कि यह महंत जी का नियमित विश्राम करने की जगह नहीं थी। इसके अलावा उन्होंने कहा है कि तमाम ऐसे सवाल हैं, जो एक राज की तरह बने हुए हैं। इसका खुलासा सीबीआई जांच के बाद ही होगा।

महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरी ने अपने मठ बाघंबरी गद्दी में सोमवार की शाम कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। हालांक‍ि, पुलिस को शव के पास से सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें महंत ने अपने शिष्य आनंद ग‍िर‍ी से दुखी होने की बात कही है। उधर, उत्तराखंड पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरी को हरिद्वार में हिरासत में ले लिया है। साथ ही महंत नरेंद्र गिरी का 13 पन्नों सुसाइड लेटर सामने आ गया है।