Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

आगरा का ‘घटिया आजम खां’ अब हुआ ‘अशोक सिंघल’, जानिए इस रोड की दिलचस्प कहानी

हाइलाइट्स स्व. अशोक सिंघल को उनके जन्मदिवस पर आगरा नगर निगम ने नायाब तोहफा दिया हैआगरा के घटिया आजम खां मार्ग को अब अशोक मार्ग के नाम से जाना जाएगासोमवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण आंदोलन की अगुवाई करने वाले अशोक सिंघल को विश्व हिन्दू परिषद का पुरोधा कहा जाता हैसुनील कुमार, आगरा
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के आंदोलन की अगुवाई करने वाले स्व. अशोक सिंघल को उनके जन्मदिवस (27 सितंबर) पर आगरा नगर निगम ने नायाब तोहफा दिया है। घटिया आजम खां मार्ग को अब अशोक मार्ग के नाम से जाना जाएगा। सोमवार को नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया। अशोक सिंघल को विश्व हिन्दू परिषद का पुरोधा कहा जाता है। नगर निगम के स्मार्ट सिटी कक्ष में कार्यकारिणी की 16वें अधिवेशन की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता महापौर नवीन जैन ने की।

इंजीनियर बनने के बजाय अशोक सिंघल ने चुना समाज सेवा का मार्ग
अशोक सिंघल का सिटी स्टेशन रोड, क्षेत्र में जन्म हुआ था। इसके बाद वे कमला नगर में रहने लगे। किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी। 1950 में बीएचयू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया। इंजीनियर बनने के बजाय अशोक सिंघल ने समाज सेवा का मार्ग चुना और आगे चलकर आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बन गए।

Agra News: 126 फर्जी कंपनियां, 102 करोड़ की टैक्‍स चोरी…आगरा में पकड़ा गया रईसी की जिंदगी जीता मास्‍टर माइंड
धर्म संसद में निभाई थी मुख्य भूमिका
अशोक सिंघल वर्ष 1981 में विश्व हिंदू परिषद में शामिल हुए। देश में हिंदुत्व की भावना को मजबूत बनाने के लिए 1984 में धर्म संसद के आयोजन में अशोक सिंघल ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इसी धर्म संसद में साधु संतों की बैठक के बाद श्री राम जन्मभूमि आंदोलन की नींव पड़ी थी। इन्हीं के प्रयास के चलते ही राम मंदिर आंदोलन का विस्तार पूरे देश में हुआ था। उन्होंने कहा था ‘यह मात्र एक मंदिर का नहीं हिंदू राष्ट्र का शिलान्यास है।’

नाम बदलने के आए कई प्रस्ताव
नगर निगम के 16वें अधिवेशन में मार्गों और स्थानों के नाम परिवर्तन के ही प्रस्तावों पर चर्चाएं हुईं। खास बात यह रही कि सभी प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसमें एक प्रस्ताव कांजी हाउस का नाम दीन दयाल उपाध्याय मवेशी गृह रखने का भी प्रस्ताव भी शामिल है।

क्या है ‘घटिया आजम खां’ रास्ते की कहानी ?
दरअसल आगरा में एक मोहल्ले का नाम ‘घटिया आजम खां’ है। हरिपर्वत से सेंट जॉन्स कॉलेज की ओर जाते हुए जब आप जीवनी मंडी की तरफ बढ़ते हैं तो रास्ते में आपको ‘घटिया आजम खां’ चौराहा मिलता है। इस इलाके में पहले एक घाटी हुआ करती थी। यहां पर खान-ए-आजम रहा करते थे। घाटी नीची होने के कारण इसे लोग घटिया बुलाने लगे। कुछ समय बाद यहां का नाम घटिया आजम खां पड़ गया। कहा जाता है कि यहां मुगल बादशाह अकबर का एक वजीर रहा करता था। उसका नाम था मिर्जा अजीज कोका। उसकी हवेली घाटी में ही थी उसे अकबर ने खान-ए-आजम कि उपाधि दी थी। घटिया आजम खां नाम मुगल काल से ही पड़ गया था। फिलहाल यहां पर आगरा सबसे बड़ी फर्नीचर की मंडी है। यहां पर करीब 100 से भी ज्यादा फर्नीचर के बड़े शोरूम और दुकानें है।

आगरा का ‘घटिया आजम खां’ अब हुआ ‘अशोक सिंघल’, जानिए इस रोड की दिलचस्प कहानी

You may have missed