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एक्सिस बैंक में 23 करोड़ के घोटाले में आरोपी भेजा गया जेल

एक्सिस बैंक की सिविल लाइंस शाखा में 23 करोड़ के घोटाले के मामले में शुआट्स का पूर्व अकाउंटेंट राजेश कुमार जेल भेज दिया गया। अग्रिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी लेकिन उसे राहत नहीं मिली। जिसके बाद उसने जिला अदालत में सरेंडर कर दिया जिसके बाद ईडी ने उसे जेल भेज दिया।

एक्सिस बैंक में शुआट्स के खाते से 23 करोड़ के गबन का मामला 2017 में सामने आया था। इस मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक की ओर से बैंक के पूर्व अफसर कमाल एहसान व शुआट्स के एकाउंटेंट राजेश कुमार पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी भी गठित हुई जिसने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर कमाल एहसान व राजेश की संपत्तियां अटैच की थीं।

साथ ही कमाल को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। लेकिन हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर होने के कारण राजेश को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। अग्रिम जमानत की अवधि पिछले दिनों समाप्त हो गई थी जिसके बाद उसने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। हालांकि वहां से उसे राहत नहीं मिल सकी। जिसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

एक्सिस बैंक की सिविल लाइंस शाखा में 23 करोड़ के घोटाले के मामले में शुआट्स का पूर्व अकाउंटेंट राजेश कुमार जेल भेज दिया गया। अग्रिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी लेकिन उसे राहत नहीं मिली। जिसके बाद उसने जिला अदालत में सरेंडर कर दिया जिसके बाद ईडी ने उसे जेल भेज दिया।

एक्सिस बैंक में शुआट्स के खाते से 23 करोड़ के गबन का मामला 2017 में सामने आया था। इस मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक की ओर से बैंक के पूर्व अफसर कमाल एहसान व शुआट्स के एकाउंटेंट राजेश कुमार पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी भी गठित हुई जिसने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की। बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर कमाल एहसान व राजेश की संपत्तियां अटैच की थीं।

साथ ही कमाल को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था। लेकिन हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर होने के कारण राजेश को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। अग्रिम जमानत की अवधि पिछले दिनों समाप्त हो गई थी जिसके बाद उसने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। हालांकि वहां से उसे राहत नहीं मिल सकी। जिसके बाद उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।