इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाने और विषैला पदार्थ खिलाने के आरोपी मनोज उर्फ पायल किन्नर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। मनोज की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने सुनवाई की याचिका पक्ष रख रहे अधिवक्ता विशाल तलवार का कहना था की याची पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उसकी इस घटना में कोई भूमिका नहीं है।
घटना के वक्त और मौके पर वह मौजूद नहीं था। याची के खिलाफ थाना सिविल लाइंस मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज है। कोर्ट ने मामले के तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तथा मौजूदा समय में कोविड-19 के कारण जिलों में अत्यधिक कैदियों की स्थिति के मद्देनजर याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही शर्त लगाई है कि वह जेल से बाहर रहने के दौरान जमानत प्रावधानों का पालन करेगा अन्यथा उसकी जमानत निरस्त की जा सकती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धारदार हथियार से गंभीर चोट पहुंचाने और विषैला पदार्थ खिलाने के आरोपी मनोज उर्फ पायल किन्नर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। मनोज की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति विवेक कुमार सिंह ने सुनवाई की याचिका पक्ष रख रहे अधिवक्ता विशाल तलवार का कहना था की याची पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उसकी इस घटना में कोई भूमिका नहीं है।
घटना के वक्त और मौके पर वह मौजूद नहीं था। याची के खिलाफ थाना सिविल लाइंस मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज है। कोर्ट ने मामले के तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तथा मौजूदा समय में कोविड-19 के कारण जिलों में अत्यधिक कैदियों की स्थिति के मद्देनजर याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। साथ ही शर्त लगाई है कि वह जेल से बाहर रहने के दौरान जमानत प्रावधानों का पालन करेगा अन्यथा उसकी जमानत निरस्त की जा सकती है।
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