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छत्तीसगढ़ में खनिजों की खोज तथा आंकलन के लिए राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की बैठक संपन्न

छत्तीसगढ़ में खनिजों की खोज तथा भण्डारों के आंकलन के लिए आवश्यक तकनीकी परिचर्चा के संबंध में 29 सितंबर को राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मंडल की 21वीं बैठक रायपुर में संपन्न हुई। बैठक में चर्चा करते हुए वर्तमान में देश तथा राज्य के विकास में खनिजों की उपयोगिता को दृष्टिगत रखते हुए बहुमूल्य तथा सामरिक महत्व के खनिजों की खोज आदि विषयों पर विशेष जोर दिया गया।

इसके अलावा वर्ष 2021-22 के लिए औद्योगिक मांग तथा खनिज आधारित उद्योगों की खनिजों की आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए नवनी परियोजनाओं की भी अनुशंसा की गई। इससे विभाग में सोना, तांबा, हीरा, मैग्नीज इत्यादि खनिजों की खोज के कार्य प्रारंभ किए जा सकेंगे, जिनकी आगे राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इस अवसर पर खनिज अन्वेषण एवं पूर्वेक्षण कार्यों से संबंधित भारतीय भू-वैज्ञानिक, एटामिक मिनरल डिवीजन, मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन, भारतीय खान ब्यूरो, एन.एम.डी.सी., सी.एम.डी.सी., संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़ सहित राज्य सरकार और भारत सरकार के अन्य भू-तकनीकी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी द्वारा की गई।

बैठक में चर्चा करते हुए बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग द्वारा खनिजों के अन्वेषण के क्षेत्र में प्रमुखता से कार्य किए गए है। इस दौरान राज्य में मौजूदा विभिन्न खनिजों के भण्डारों का भी पता लगाया गया है। इनमें बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सरसेनी गुमा क्षेत्र में कुल 475 मिलियन टन चूनापत्थर के भण्डार अनुमानित किए गए, जिनका उपयोग सीमेंट संयंत्र हेतु किया जा सकेगा। इनकी नीलामी की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इसी तरह जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के ही हिरमी-दो क्षेत्र में कुल 56.16 मिलियन टन चूनापत्थर के भण्डार अनुमानित किए गए। इस क्षेत्र में आगे भी कार्य जारी रहेगा। इसके अलावा कबीरधाम जिले के चेन्द्रादादर क्षेत्र कुल 03.86 मिलियन टन धातु श्रेणी बॉक्साइट के भण्डार और सरगुजा जिले के कुनिया क्षेत्र में कुल 07.50 मिलियन टन धातु श्रेणी बॉक्साइट के भण्डार अनुमानित किए गए है।

बैठक में खनिज विभाग के सचिव श्री परदेशी ने राज्य में खनिजों की खोज के लिए निरंतर हो रहे अन्वेषण कार्यों की सराहना की। उन्होंने राज्य के विकास में उपयोगी बहुमूल्य तथा सामरिक महत्व के खनिजों को भी चिन्हित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी तरह संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म श्री जयप्रकाश मौर्य ने खनिकर्म से संबंधित समस्त संस्थाओं को उपयोगी खनिजों की खोज के लिए जोर दिया।