हाईकोर्ट ने कौशाम्बी की नगर पंचायत भरवारी को उच्चीकृत कर नगर पालिका परिषद बनाने की 26 अक्तूबर 16 की अधिसूचना को सांविधानिक करार दिया है। कहा है कि जनसंख्या वृद्धि प्रतिदिन हो रही है। पंचायत को परिषद में उच्चीकृत करना जनहित में है। इससे बेहतर विकास होगा। कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी ने आपत्तियों पर विचार करने के बाद राज्यपाल को संस्तुति की और राज्यपाल ने संविधान के उपबंधों के तहत उच्चीकृत करने का फैसला लिया।
कोर्ट ने आरटीआई रिपोर्ट को सक्षम प्राधिकारी की नहीं माना और कहा कि अधिशासी अधिकारी की जनसंख्या वृद्धि दर की रिपोर्ट तथ्यात्मक है। अनुच्छेद 226 के तहत दाखिल याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने नगर पंचायत भरवारी को नगर पालिका परिषद उच्चीकृत करने की अधिसूचना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने ग्राम प्रधानों व ग्रामीणों की तरफ से दाखिल सुषमा देवी, 8 अन्य, संतोष कुमार त्रिपाठी व 7 अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि 10 नवंबर 2014 के शासनादेश में निकायों के उच्चीकृत करने के मानक तय किए गए हैं। मानक के अनुसार वार्षिक आय, जनसंख्या, जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किमी के आधार पर निकाय को उच्चीकृत किया जा सकता है।
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