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नरेंद्र गिरि केस : सीबीआई को आनंद गिरि के लैपटॉप, मोबाइल से नहीं मिला कोई वीडियो, कहीं झूठी धमकी देकर तो नहीं किया जा रहा था परेशान

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महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआई के हाथ कथित वीडियो नहीं आने पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वीडियो के नाम पर झूठी धमकी देकर महंत को ब्लैकमेल किया जा रहा था? आनंद गिरि के मोबाइल व लैपटॉप से सीबीआई को वीडियो नहीं मिल सका है। वीडियो कहां और किसके पास है, काफी कोशिशों के बाद भी सीबीआई को इसका सुराग नहीं मिल सका है।

महंत के कमरे से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ, उसमें लिखा था कि आनंद गिरि उन्हें बदनाम करने वाला था और इसी से विचलित होकर उन्होंने यह कदम उठाया। सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र था कि किसी अश्लील तस्वीर के जरिए उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही थी। जिससे माना गया कि अश्लील वीडियो के जरिए महंत को ब्लैकमेल किया जा रहा था। उन्हें बदनाम करने की धमकी दी जा रही थी।

लैपटॉप और मोबाइल से कुछ न मिलने पर उठने लगे सवाल
हालांकि पहले एसआईटी और बाद में सीबीआई की जांच में भी अब तक उस कथित वीडियो का सुराग नहीं मिल सका है। सीबीआई की टीम ने हरिद्वार जाकर आनंद गिरि का लैपटॉप व मोबाइल बरामद किया, तो माना जा रहा था कि अब सबूत सीबीआई के हाथ आ जाएगा। लेकिन हरिद्वार से लौटने के दो दिन बात भी सीबीआई वीडियो का पता नहीं लगा सकी है। ऐसे में अब सवाल भी उठने लगे हैं। एक बड़ा सवाल यह है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि वीडियो के नाम पर झूठी धमकी देकर महंत को डराया जा रहा था।

किसी को नहीं वीडियो की जानकारी
कथित वीडियो के अस्तित्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो इसकी अपनी वजहें भी हैं। दरअसल मामले के तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी व उसके बेटे संदीप तिवारी ने हर बार सीबीआई को यही जवाब दिया है कि उन्हें ऐसे किसी वीडियो की जानकारी नहीं है। बड़ी बात यह है कि महंत के शिष्यों व सेवादारों या अन्य करीबियों ने भी वीडियो की जानकारी की बात स्वीकार नहीं की है। सीबीआई की पूछताछ में उन्होंने यह बात तो कबूली है कि महंत आनंद गिरि से परेशान थे लेकिन वीडियो या किसी तस्वीर के बाबत जानकारी की बात से उन्होेंने भी इंकार किया है।