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लखीमपुर खीरी: पंजाब के डिप्टी सीएम का सहारनपुर में धरना, मेरठ में गुरनाम सिंह चढूनी को छुड़ाने पहुंचे किसान, जानें- दोनों जगह के हालात

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सार
लखीमपुर खीरी जा रहे पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और छह कांग्रेस विधायकों को हरियाणा सीमा पर स्थित शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर रोक दिया। उपमुख्यमंत्री और विधायक सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए।

सहारनपुर में पंजाब के डिप्टी सीएम का धरना और पुलिस लाइन पहुंचे किसान।
– फोटो : amar ujala

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लखीमपुर खीरी जा रहे पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और छह कांग्रेस विधायकों को हरियाणा सीमा पर स्थित शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर रोक दिया। उपमुख्यमंत्री और विधायक सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। इसको लेकर काफी देर हंगामे की स्थिति रही। उपमुख्यमंत्री ने कहा भारत को आज चीन और पाकिस्तान से नहीं, अपितु मोदी और योगी से खतरा है। उधर, मेरठ में गुरनाम सिंह चढूनी को छुड़ाने के लिए किसान नेता पुलिस लाइन पहुंचे। 

वहीं मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा और हरियाणा के बड़े किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को छुड़वाने के लिए रात में ही किसान पुलिस लाइन पहुंच गए। राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ दर्जनों किसानों के साथ सबसे पहले पुलिस लाइन पहुंचे। रोहित जाखड़ ने गुरनाम सिंह चढूनी से मिलवाने की मांग की, लेकिन गेट पर खड़े पुलिस अधिकारियों ने इनकार कर दिया। इसके बाद जल बिरादरी के नेता मेजर डॉ. हिमांशु भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और सभी गेट के बाहर धरने पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। मामले की सूचना मिलने के बाद रालोद के प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. राजकुमार सांगवान भी रालोदियों के साथ मौके पर पहुंचे और गुरनाम सिंह चढूनी को छोड़ने की मांग की।

सांगवान ने कहा कि पुलिस तानाशाही छोड़कर किसान नेता चढूनी को छोड़े। भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी और प्रवक्ता बबलू जिटौली भी दर्जनों किसानों को लेकर मौके पर पहुंचे। बबलू जिटौली ने बताया कि किसानों को मामले की जानकारी फोन से दे दी है। गांवों से किसानों का आना शुरू हो गया है। जब तक चढूनी को नहीं छोड़ा जाएगा तब तक यहां से नहीं हटेंगे।

सहारनपुर में धरना जारी
उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा सोमवार को अपराह्न करीब चार बजे विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के साथ गाड़ियों का काफिला लेकर लखीमपुर खीरी जा रहे थे, इसी दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके काफिले को रोक लिया। वहीं इसके विरोध में नारेबाजी करते हुए सड़क पर विधायकों के साथ वह धरना देकर बैठ गए। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा केंद्र और यूपी सरकार केवल किसानों के हितैषी होने का दावा करती है, जबकि हक की आवाज उठाने वाले किसानों की आवाज को गाड़ियों से कुचल दिया जाता है। रंधावा ने कहा कि आज भारत को खतरा चीन और पाकिस्तान से नहीं अपितु मोदी योगी सरकार से है, जिन्होंने देश में अस्थिरता का माहौल बना रखा है। यदि इस देश को बचाना है तो मोदी योगी को हटाना ही होगा। 

उन्होंने कहा लखीमपुर खीरी में राजनीति करने नहीं बल्कि हिंसा में शहीद हुए किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन का रवैया बेहद घटिया है जो भारत के ही संवैधानिक पद पर बैठे एक राज्य के उपमुख्यमंत्री को प्रवेश करने से रोक रहा है।

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी: कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सहारनपुर में जमकर हंगामा, बोले- किसानों के हत्यारों को बचा रही भाजपा सरकार

उन्होंने पुलिस से कहा कि या तो हमें लखीमपुर जाने दो या गिरफ्तार कर लो। इसके बाद पुलिस उन्हें अपने वाहनों से शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर ले आई। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा, नवा शहर के विधायक अंगद सैनी चौकी परिसर में ही धरना देकर बैठ गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डॉ. अर्चना द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक देहात अतुल शर्मा, सीओ नकुड़ अरविंद सिंह पुंडीर और सरसावा थाना पुलिस और पीएसी के जवान भी मौजूद रहे। 

यह भी पढ़ें: किसानों में उबाल: लखीमपुर खीरी की घटना का पश्चिमी यूपी पर कितना बड़ा असर, तस्वीरों में देखें छह जिलों का हाल

इस संबंध में एसपी देहात अतुल शर्मा ने कहा पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, बल्कि सभी माननीय को शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर लाया गया है। 

कांग्रेस नेता भी मौके पर पहुंचे
पंजाब के उपमुख्यमंत्री और विधायकों को यूपी-हरियाणा सीमा पर रोके जाने की जानकारी मिलने पर सहारनपुर से जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली, विधायक नरेश सैनी और मसूद अख्तर, कांग्रेस नेता शायान मसूद सहित अन्य पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी उपमुख्यमंत्री और विधायकों को रोके जाने पर विरोध जताया। देर रात तक कांग्रेस नेता वहीं मौजूद रहे। पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उन्हें समझाने बुझाने में लगे रहे। 

पार्षदों ने भी जताया विरोध 
लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में नगर निगम के पार्षद दल ने कलक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताया। पार्षद मंसूर बदर, शहजाद मलिक, डॉ. अहसान, सईद सिद्दीकी, नौशाद, फैसल अंसारी, सफ्फान, इनाम, मुराद, मलतूब ने कहा लखीमपुर खीरी की घटना पर सीबीआई जांच कराई जाए। साथ ही मृतक आश्रितों को एक एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता दिलाई जाए। 

लोकतंत्र की हत्या कर रही सरकार : भूषण
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व एआईसीसी उमा भूषण ने कहा भाजपा सरकारें लोकतंत्र की हत्या कर रही हैं। लखीमपुर खीरी में सुनियोजित तरीके से किसानों की हत्या की गई। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने पर सरकार ने अपनी विफलता और भय का परिचय दिया है। इस घटना की वह घोर निंदा करती है।

विस्तार

लखीमपुर खीरी जा रहे पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और छह कांग्रेस विधायकों को हरियाणा सीमा पर स्थित शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर रोक दिया। उपमुख्यमंत्री और विधायक सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। इसको लेकर काफी देर हंगामे की स्थिति रही। उपमुख्यमंत्री ने कहा भारत को आज चीन और पाकिस्तान से नहीं, अपितु मोदी और योगी से खतरा है। उधर, मेरठ में गुरनाम सिंह चढूनी को छुड़ाने के लिए किसान नेता पुलिस लाइन पहुंचे। 

वहीं मेरठ में संयुक्त किसान मोर्चा और हरियाणा के बड़े किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को छुड़वाने के लिए रात में ही किसान पुलिस लाइन पहुंच गए। राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ दर्जनों किसानों के साथ सबसे पहले पुलिस लाइन पहुंचे। रोहित जाखड़ ने गुरनाम सिंह चढूनी से मिलवाने की मांग की, लेकिन गेट पर खड़े पुलिस अधिकारियों ने इनकार कर दिया। इसके बाद जल बिरादरी के नेता मेजर डॉ. हिमांशु भी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और सभी गेट के बाहर धरने पर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। मामले की सूचना मिलने के बाद रालोद के प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. राजकुमार सांगवान भी रालोदियों के साथ मौके पर पहुंचे और गुरनाम सिंह चढूनी को छोड़ने की मांग की।

सांगवान ने कहा कि पुलिस तानाशाही छोड़कर किसान नेता चढूनी को छोड़े। भारतीय किसान यूनियन के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी और प्रवक्ता बबलू जिटौली भी दर्जनों किसानों को लेकर मौके पर पहुंचे। बबलू जिटौली ने बताया कि किसानों को मामले की जानकारी फोन से दे दी है। गांवों से किसानों का आना शुरू हो गया है। जब तक चढूनी को नहीं छोड़ा जाएगा तब तक यहां से नहीं हटेंगे।

सहारनपुर में धरना जारी

उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा सोमवार को अपराह्न करीब चार बजे विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के साथ गाड़ियों का काफिला लेकर लखीमपुर खीरी जा रहे थे, इसी दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके काफिले को रोक लिया। वहीं इसके विरोध में नारेबाजी करते हुए सड़क पर विधायकों के साथ वह धरना देकर बैठ गए। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा केंद्र और यूपी सरकार केवल किसानों के हितैषी होने का दावा करती है, जबकि हक की आवाज उठाने वाले किसानों की आवाज को गाड़ियों से कुचल दिया जाता है। रंधावा ने कहा कि आज भारत को खतरा चीन और पाकिस्तान से नहीं अपितु मोदी योगी सरकार से है, जिन्होंने देश में अस्थिरता का माहौल बना रखा है। यदि इस देश को बचाना है तो मोदी योगी को हटाना ही होगा। 

उन्होंने कहा लखीमपुर खीरी में राजनीति करने नहीं बल्कि हिंसा में शहीद हुए किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन का रवैया बेहद घटिया है जो भारत के ही संवैधानिक पद पर बैठे एक राज्य के उपमुख्यमंत्री को प्रवेश करने से रोक रहा है।

यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी: कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सहारनपुर में जमकर हंगामा, बोले- किसानों के हत्यारों को बचा रही भाजपा सरकार

उन्होंने पुलिस से कहा कि या तो हमें लखीमपुर जाने दो या गिरफ्तार कर लो। इसके बाद पुलिस उन्हें अपने वाहनों से शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर ले आई। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा, नवा शहर के विधायक अंगद सैनी चौकी परिसर में ही धरना देकर बैठ गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डॉ. अर्चना द्विवेदी, पुलिस अधीक्षक देहात अतुल शर्मा, सीओ नकुड़ अरविंद सिंह पुंडीर और सरसावा थाना पुलिस और पीएसी के जवान भी मौजूद रहे। 

यह भी पढ़ें: किसानों में उबाल: लखीमपुर खीरी की घटना का पश्चिमी यूपी पर कितना बड़ा असर, तस्वीरों में देखें छह जिलों का हाल

इस संबंध में एसपी देहात अतुल शर्मा ने कहा पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, बल्कि सभी माननीय को शाहजहांपुर पुलिस चौकी पर लाया गया है। 

कांग्रेस नेता भी मौके पर पहुंचे
पंजाब के उपमुख्यमंत्री और विधायकों को यूपी-हरियाणा सीमा पर रोके जाने की जानकारी मिलने पर सहारनपुर से जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली, विधायक नरेश सैनी और मसूद अख्तर, कांग्रेस नेता शायान मसूद सहित अन्य पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी उपमुख्यमंत्री और विधायकों को रोके जाने पर विरोध जताया। देर रात तक कांग्रेस नेता वहीं मौजूद रहे। पुलिस प्रशासनिक अधिकारी उन्हें समझाने बुझाने में लगे रहे। 

पार्षदों ने भी जताया विरोध 
लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में नगर निगम के पार्षद दल ने कलक्ट्रेट पहुंचकर विरोध जताया। पार्षद मंसूर बदर, शहजाद मलिक, डॉ. अहसान, सईद सिद्दीकी, नौशाद, फैसल अंसारी, सफ्फान, इनाम, मुराद, मलतूब ने कहा लखीमपुर खीरी की घटना पर सीबीआई जांच कराई जाए। साथ ही मृतक आश्रितों को एक एक करोड़ रुपये आर्थिक सहायता दिलाई जाए। 

लोकतंत्र की हत्या कर रही सरकार : भूषण
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्व एआईसीसी उमा भूषण ने कहा भाजपा सरकारें लोकतंत्र की हत्या कर रही हैं। लखीमपुर खीरी में सुनियोजित तरीके से किसानों की हत्या की गई। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाने से रोकने पर सरकार ने अपनी विफलता और भय का परिचय दिया है। इस घटना की वह घोर निंदा करती है।