पितृ अमावस्या बुधवार को श्राद्ध पक्ष के खत्म होने पर पितृ विसर्जन अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने तर्पण कर अपने पूर्वजों को याद किया। हस्तिनापुर के गंगा घाट पर गंगा स्नान कर तर्पण कर पितरों को विदाई देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना और तर्पण कर पितरों को विदाई देने पहुंचे।
बता दें कि सर्व पितृ अमावस्या पर ग्रह नक्षत्रों का शुभ योग बन रहा है। पितृ अमावस्या पर गज्ज्छाया योग बन रहा है। इस योग को बेहद शुभ माना जाता है। बुधवार को सूर्योदय से सूर्य और चंद्रमा शाम 04 बजकर 34 मिनट तक हस्त नक्षत्र में होंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गज्ज्छाया योग में श्राद्ध या तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इस दिन ब्रह्म योग और इंद्र योग का बन रहा है। अब यह योग 8 साल बाद 2029 में बनेगा।
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