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पार्किंग की जद्दोजेहद: एमडीए ने बेगमपुल से गढ़ रोड तक 50 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को दिए नोटिस

मेरठ विकास प्राधिकरण ने शहर के प्रमुख मार्गों पर बनाए गए 50 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पार्किंग की व्यवस्था न होने पर नोटिस जारी कर दिए हैं। एमडीए ने बेगमपुल से लेकर बच्चा पार्क और गढ़ बस स्टैंड से होटल हारमनी तक सर्वे कर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को मानचित्र दिखाने के लिए एक दिन का समय दिया है, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

शहर में पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण लगने वाले जाम और मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था न होने का मामला तूल पकड़ चुका है। हाल ही में हाईकोर्ट में नगरायुक्त और एमडीए उपाध्यक्ष को तलब किया गया था। अब प्राधिकरण ने जोन-ए और जोन-डी में सर्वे शुरू किया है।

जोन-ए में संयुक्त सचिव अजय कुमार और जोन-डी में विपिन कुमार के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। इस रूट पर कई बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। जोन-डी में सोहराब गेट बस स्टैंड से होटल हारमनी तक 22 और बेगमपुल से बच्चा पार्क तक 28 नोटिस दिए गए हैं। जहां-जहां पार्किंग की व्यवस्था नही हैं, उस स्थान पर निशान भी लगाए गए हैं। त्योहारी सीजन से पहले इस कार्रवाई से व्यापारी चिंतित हैं।

यह भी पढ़ें: सुविधा: मेडिकल कॉलेज में बर्न यूनिट तैयार, मिलेगा इलाज, अब नहीं लगानी पड़ेगी दिल्ली की दौड़

व्यापारियों ने एमडीए सचिव के सामने रखीं समस्याएं
भगत सिंह मार्केट हापुड़ अड्डा के व्यापारी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष विष्णु दत्त पाराशर एवं युवा व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष अकरम गाजी के नेतृत्व में एमडीए सचिव चंद्रपाल से मिले। इसके बाद व्यापारियों के साथ बैठक की।

इसमें पराशर ने कहा कि सचिव ने बताया कि व्यापारीयों के अतिक्रमण की शिकायत मार्केट के ही किसी व्यापारी ने की है। हाईकोर्ट के आदेश पर शिकायत की जांच की जा रही है। एमडीए की ओर से कोई दुकान तोड़ने आदि की कोई कार्यवाही नहीं होगी । एमडीए के दो अधिकारियों ने जांच की और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी गई ।

पहले भी चला था अभियान, सफल नहीं हो सका
करीब तीन वर्ष पहले भी एमडीए ने हापुड़ अड्डा चौराहे से गढ़ रोड तक ग्रीन बेल्ट को कवर कर अतिक्रमण करने वाले प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया था। इसके बाद व्यापारियों ने काफी हंगामा किया था। एमडीए कार्यालय का घेराव किया था। एमडीए का प्रयास सफल नहीं हो सका था।

एमडीए की कार्रवाई में हीलाहवाली सामने आती है। जब कई मंजिला व्यापारिक प्रतिष्ठान खड़े हो जाते हैं, तब एमडीए नींद से जागता है। गढ़ रोड से लेकर बेगमपुल तक किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान ने पार्किंग की व्यवस्था नहीं की है।

जीआईसी पुस्तकालय और मंदिर के बीच सरकारी जमीन खाली पड़ी है। वहां पार्किंग बनाई जानी चाहिए। इस मामले में व्यापारियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा – पुनीत शर्मा, पूर्व महामंत्री, बेगमपुल व्यापार संघ

त्योहारों के समय इस तरह की कार्रवाई ठीक नहीं है। हाईकोर्ट से फटकार के बाद ये लोग ऐसी कार्रवाई करते हैं। फिर चुप हो जाते हैं। इसके लिए एक स्थान पर पार्किंग की व्यवस्था की जानी चाहिए। – मुकुल सिंघल, संयुक्त बाजार संगठन, अध्यक्ष

मेरठ विकास प्राधिकरण ने शहर के प्रमुख मार्गों पर बनाए गए 50 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में पार्किंग की व्यवस्था न होने पर नोटिस जारी कर दिए हैं। एमडीए ने बेगमपुल से लेकर बच्चा पार्क और गढ़ बस स्टैंड से होटल हारमनी तक सर्वे कर व्यापारिक प्रतिष्ठानों को मानचित्र दिखाने के लिए एक दिन का समय दिया है, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

शहर में पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण लगने वाले जाम और मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था न होने का मामला तूल पकड़ चुका है। हाल ही में हाईकोर्ट में नगरायुक्त और एमडीए उपाध्यक्ष को तलब किया गया था। अब प्राधिकरण ने जोन-ए और जोन-डी में सर्वे शुरू किया है।

जोन-ए में संयुक्त सचिव अजय कुमार और जोन-डी में विपिन कुमार के नेतृत्व में अभियान चलाया गया। इस रूट पर कई बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं। जोन-डी में सोहराब गेट बस स्टैंड से होटल हारमनी तक 22 और बेगमपुल से बच्चा पार्क तक 28 नोटिस दिए गए हैं। जहां-जहां पार्किंग की व्यवस्था नही हैं, उस स्थान पर निशान भी लगाए गए हैं। त्योहारी सीजन से पहले इस कार्रवाई से व्यापारी चिंतित हैं।

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व्यापारियों ने एमडीए सचिव के सामने रखीं समस्याएं
भगत सिंह मार्केट हापुड़ अड्डा के व्यापारी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष विष्णु दत्त पाराशर एवं युवा व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष अकरम गाजी के नेतृत्व में एमडीए सचिव चंद्रपाल से मिले। इसके बाद व्यापारियों के साथ बैठक की।

इसमें पराशर ने कहा कि सचिव ने बताया कि व्यापारीयों के अतिक्रमण की शिकायत मार्केट के ही किसी व्यापारी ने की है। हाईकोर्ट के आदेश पर शिकायत की जांच की जा रही है। एमडीए की ओर से कोई दुकान तोड़ने आदि की कोई कार्यवाही नहीं होगी । एमडीए के दो अधिकारियों ने जांच की और इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी गई ।