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Meerut News: साफ-सफाई के लिए 1 महीने बंद रहेगी गंगनहर, वेस्ट यूपी-NCR में पीने के पानी की होगी समस्‍या

मेरठ
हरिद्वार से वेस्ट यूपी होकर साउथ दिल्ली तक सीधे गंगाजल मुहैया कराने वाली गंगनहर 15 अक्टूबर से बंद रहेगी। सिंचाई विभाग के रोस्टर के मुताबिक, 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक वेस्ट यूपी में नहरों की सफाई होगी। एक महीने वेस्ट यूपी से लेकर एनसीआर की बड़ी आबादी पेयजल का संकट झेलेगी। करीब 45 लाख लोगों के प्रभावित होने का अनुमान है। हालांकि, सिंचाई विभाग का दावा है कि ट्यूबवेल और टैंकरों से पानी की सप्लाई जारी रहेगी।

मेरठ, गाजियाबाद और बुलंदशहर में बहने वाली मुख्य गंगनहर सीधे हरिद्वार से निकलती है। सिंचाई विभाग मेरठ-गाजियाबाद के एक्सईएन नीरज कुमार के मुताबिक, गाजियाबाद और बागपत जिलों में करीब 350 किलोमीटर लंबी नहरों की सफाई का काम 20 दिन में पूरा करना है। 15 अक्टूबर से सफाई शुरू होगी। बागपत के एक्सईएन उत्कर्ष भारद्वाज ने बताया कि बागपत में करीब 200 किलोमीटर लंबी सभी सहायक नहरों की सफाई होनी है। इसी तरह बुलंदशहर में भी 300 किलोमीटर के आसपास नहरों में सिल्ट की सफाई की जाएगी।

इन इलाकों में पेयजल की होगी संकट
जानकारी के मुताबिक, गंगनहर से पानी की सप्लाई बंद होने से मुजफ्फरनगर मेरठ, बागपत, गाजियाबाद में प्रताप विहार, ट्रांस हिंडन, डेल्टा कालोनी, नोएडा, साहिबाबाद, वैशाली, वसुंधरा, इंदिरापुरम, कौशांबी, सूर्यनगर, बृज विहार, रामप्रस्थ, चंदरनगर, रामपुरी आदि इलाके में पानी की समस्या होगी। नगर निगम नलकूपों और विकास प्राधिकरण पंप से कॉलोनियों में पानी की सप्लाई देंगे, लेकिन बहुमंजिला इमारतों में पानी पहुंचने की दिक्कत रहेगी।

ड्रोन से होगी सफाई कार्यों की निगरानी
सिंचाई विभाग ने बताया कि सफाई के समय नहर में करीब तीन फुट पानी रहेगा। शुक्रवार को ही सफाई से पहले गंगनहर में 8500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया ताकि नहरों, माइनरों में रबी की फसल की सिंचाई हो सके। सफाई कार्य की निगरानी ड्रोन से होगी। इस समय वेस्ट यूपी में गन्ने की फसल, सब्जियों और फूल की खेती को पानी चाहिए। 15 अक्टूबर के बाद आलू की बुवाई शुरू हो जाएगी। धान को एक माह में दो बार पानी चाहिए। पानी की कमी से सरसों और आलू की बुवाई लेट हो सकती है।