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राज्य हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप ने कोंडानार हस्तशिल्प महोत्सव का किया शुभारंभ

कोण्डागांव जिला मुख्यालय में नवनिर्मित शिल्पनगरी में कोंडानार हस्तशिल्प महोत्सव का शुभारंभ राज्य हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक नारायणपुर चंदन कश्यप द्वारा किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष देवचंद मातरम एवं कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा भी उपस्थित रहे। इस आयोजन में पारंपरिक लोक नृतकों द्वारा अध्यक्ष का स्वागत किया।
*उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल से भी पहुंचे हैं शिल्पकार*इसके पश्चात पारंपरिक रूप से जनजाति नृत्यों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया था। इस दौरान आये अतिथियों द्वारा शिल्पकारों द्वारा अपनी कलाओं के प्रदर्शन हेतु लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। जहां कोण्डागांव के साथ राज्य के विभिन्न कोनों एवं अन्य राज्यों से आए शिल्पकारों की कलाओं को देखकर सभी ने शिल्पकारों की सराहना की। ज्ञात हो कि इस महोत्सव में भाग लेने के लिए वाराणसी से बनारसी हैंडलूम, भागलपुर बिहार से भागलपुरी सिल्क एवं पश्चिम बंगाल से बंगाली सिल्क के प्रदर्शन हेतु शिल्पकार आए हैं। इसके अतिरिक्त नारायणपुर, रायपुर जांजगीर चांपा आदि जिलों से भी शिल्पकार प्रदर्शन हेतु अपनी कलाकृतियां लेकर आए हुए हैं। इस दौरान सभी शिल्पकारों को अध्यक्ष द्वारा सम्मनित भी किया गया।

इस अवसर पर हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष श्री कश्यप ने कहा कि यह पहली बार है कि जिला प्रशासन के प्रयासों से जिले के स्थानीय शिल्पकारों को एक नया मंच दिलाने के लिए वृहद स्तर पर प्रदर्शनी एवं महोत्सव का आयोजन किया गया है। ऐसे आयोजनों से शिल्पकारो को ना सिर्फ प्रोत्साहन मिलता है बल्कि उनकी कलाकृतियों के विक्रय होने से उन्हें आमदनी भी प्राप्त होती है। कोरोना काल में छोटे-छोटे शिल्पकारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट खड़ा कर दिया है ऐसे में इस प्रकार के आयोजनों से उन्हें मदद मिलेगी। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि वह जितना अधिक से अधिक हो सके हस्तशिल्प से बनी सामग्रियों को खरीदें ताकि हमारी प्राचीन कलाओं की विरासत को हम संरक्षित कर सकें। इस अवसर पर कलेक्टर ने बताया कि शिल्पनगरी का निर्माण जिले की विभिन्न पारम्परिक शिल्प विधाओं को जीवित रखते हुए उन्हें समयानुसार विकसित कर गुणवत्ता उन्नयन के उद्देश्य से किया गया है। यह आयोजन भी इस विकास की एक कड़ी है। जल्द ही शिल्प नगरी में टेराकोटा (माटी कला) शिल्प बांस शिल्प हेतु व्यवस्थाएं की जाएंगी। यहां पर शिल्पकारों के लिए निर्माण एवं फिनिशिंग उपकरणों की स्थापना के साथ लाइव शो एवं प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाएगा साथ ही जिला प्रशासन द्वारा शिल्प कृतियों के विक्रय के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मार्केट में विभिन्न फर्मों को इससे जोड़कर शिल्पकारों को उनकी कलाओं का उचित प्रतिफल दिलाकर इनकी पहुंच विदेशों तक करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
इस महोत्सव के प्रति लोगों में खासा उत्साह देखा गया। छुट्टियों में जहां लोग प्रतिदिन यहां आकर शिल्पकारों की प्रतिभाओं का अवलोकन कर रहे हैं। वही इस महोत्सव में आयोजित होने वाले पारंपरिक सांस्कृतिक नृत्यों का भी आनंद ले रहे हैं। महोत्सव में 15 अक्टूबर को गरबा, 16 अक्टूबर को कोण्डागांव आर्केस्ट्रा, 17 अक्टूबर को कवि सम्मेलन, 19 अक्टूबर को जगदलपुर आर्केस्ट्रा, 20 अक्टूबर को ज्वेलरी लॉन्च एवं ट्राइबल फैशन शो, 23 अक्टूबर को चांवरा स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा नृत्य प्रस्तुति एवं 24 अक्टूबर को प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम रखा गया है। वही 18, 21 एवं 22 अक्टूबर को ओपन स्टेज रखा जाएगा। जहां पर कोई भी व्यक्ति आकर अपनी प्रतिभा का मंचन कर सकता है। इसके लिए वे शिल्पनगरी में स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाकर अथवा व्हाट्सएप के माध्यम से मोबाइल नंबर 94064544 01 पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।