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Ghaziabad News: यूपी में छूट नहीं होने पर दिल्ली में इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं गाजियाबाद-मेरठ के लोग

अखंड प्रताप सिंह, गाजियाबाद
महंगे होते पेट्रोल की वजह से लोग अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन यूपी में रोड टैक्स पर छूट नहीं होने से रजिस्ट्रेशन दिल्ली में करवाया जा रहा है। दिल्ली में रजिस्ट्रेशन होने से डेढ़ लाख रुपये की बचत हो रही है।

अवंतिका कॉलोनी में रहने वाले मनोज कुमार मेरठ में नौकरी करते हैं। उनका कहना है कि मैंने इलेक्ट्रिक कार लेने का प्लान बनाया था, लेकिन यूपी में कोई छूट नहीं होने से प्लान टाल दिया। 2 दिन पहले ही सीएनजी की गाड़ी बुक कराई है। इनके अलावा शहर के बाकी लोग या तो सीएनजी कार ले रहे हैं या फिर इलेक्ट्रिक कार का दिल्ली में रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं।

आरटीओ विभाग के आंकड़ों की मानें तो सीएनजी वाहनों की डिमांड के साथ पेट्रोल से सीएनजी में कन्वर्जन भी तेजी से बढ़ रहा है। अगर इलेक्ट्रिक कार की बात करें तो पिछले साल गाजियाबाद में 20 कारों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जबकि इस बार केवल एक कार का ही रजिस्ट्रेशन हुआ।

इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दिल्ली की अपेक्षा गाजियाबाद में महंगा पड़ता है, इसलिए लोग दिल्ली के एड्रेस पर गाड़ियों की खरीद करके वहां पर रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं। इसकी वजह से यहां पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कम हो रहा है।

विश्वजीत प्रताप सिंह, ARTO, प्रशासन

टाटा मोटर्स के सेल्स कंसल्टेंट सचिन कुमार बताते हैं कि अभी हम महीने में 120-150 इलेक्ट्रिक कार बेच रहे हैं, लेकिन इन सभी का रजिस्ट्रेशन दिल्ली में हो रहा है, क्योंकि वहां रोड टैक्स जीरो है। अक्टूबर-2020 तक यूपी में भी रोड टैक्स पर छूट मिल रही थी, लेकिन इसे अब खत्म कर दिया गया है। इसकी वजह से लोग दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं।

इलेक्ट्रिक बाइक की बढ़ी डिमांड
साल 2020 में केवल 27 इलेक्ट्रिक बाइकें बेची गई थीं। 2021 में अब तक 154 बाइक की बिक्री हो चुकी है। अधिकारी बताते हैं कि बाइक पर बहुत अधिक रोड टैक्स नहीं होता है, इसलिए लोग बाइक का रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद में करवा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक बाइक की डिमांड और अधिक बढ़ने की संभावना है।

सीएनजी गाड़ियों का भी बोलबाला
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोग सीएनजी गाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसकी वजह से सीएनजी गाड़ियों की लंबी वेटिंग चल रही है। साल 2020 में 4 हजार गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो इस साल बढ़कर 5 हजार के करीब पहुंच चुका है। बुकिंग की बात करें तो 4 से 5 हजार गाड़ियां एडवांस में बुक हो चुकी हैं, जिनकी डिलिवरी के बाद रजिस्ट्रेशन होगा।

10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर रोक लगी है, लेकिन रोड टैक्स में छूट नहीं दी जा रही है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने के लिए कैसे प्रोत्साहित किया जा सकेगा। सरकार इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन में छूट देकर बिक्री को प्रोत्साहित करे। इससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आकाश वशिष्ठ, पर्यावरणविद

पेट्रोल से सीएनजी में हो रहा कन्वर्जन
केवल नई सीएनजी कार की खरीद ही नहीं, पेट्रोल कार को सीएनजी में कन्वर्ट करवाने की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले साल 2 हजार के करीब गाड़ियां सीएनजी में कन्वर्ट हुई थीं। इस साल अभी तक यह संख्या 3 हजार पहुंच चुकी है।

साल- पेट्रोल से सीएनजी में कन्वर्जन
2020- 2142
2021- 2970

साल- इलेक्ट्रिक कार/ इलेक्ट्रिक बाइक
2020- 20/27
2021- 1 1/54