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आजादी का अमृत महोत्सव: 350 किमी की मैराथन दौड़ पहुंची आगरा, सैन्य अफसरों का गर्मजोशी से स्वागत

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सार
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय (आईडीएस) मैराथन दौड़ का आयोजन कर रहा है, जिसमें तीनों सेनाओं के अधिकारियों और गैर-कमीशन अधिकारी (एनसीओ) की टीम शामिल है। ग्वालियर से आगरा पहुंची इस दौड़ को रविवार को यहां से दिल्ली के लिए रवाना किया गया। 

आजादी अमृत महोत्सव: मैराथन दौड़ में शामिल सैन्य अधिकारी

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आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय की ओर से आयोजित मैराथन दौड़ शनिवार को आगरा पहुंची। यहां सैन्य अफसरों का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। रविवार सुबह इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से ब्रिगेडियर पीके सिंह एसएम ने दौड़ को झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया। यह मैराथन दौड़ सात दिनों में 350 किमी की दूरी तय करेगी।

इस दौड़ की शुरुआत 15 अक्तूबर को ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई स्मारक से हुई है, जो 21 अक्तूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर समाप्त होगा। एकजुटता से जीत के नारे के साथ मैराथन दौड़ की टीम का नेतृत्व 56 वर्षीय कोमोडोर जोगिंदर चंदना कर रहे हैं, जो टीम के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं।

लखनऊ के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि मैराथन दौड़ के धावक शनिवार को आगरा पहुंचे और रविवार की सुबह हरी झंडी दिखाकर शहर के अंदर और आसपास 50 किमी की दूरी तय की।

दौड़ में महिला अधिकारी भी शामिल
कमोडोर चंदना ने कहा कि हमने अपनी यात्रा 15 अक्तूबर से ग्वालियर से महारानी लक्ष्मी बाई स्मारक से शुरू की है। टीम में दो महिला अधिकारियों सहित सात सदस्य हैं। दो नौसेना से हैं, तीन से वायु सेना और दो सेना से हैं।

जोगिंदर चंदना ने बताया कि हमने ग्वालियर इसलिए चुना क्योंकि रानी लक्ष्मीबाई स्मारक ग्वालियर में हैं। उन्होंने ग्वालियर में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और 1858 में ग्वालियर में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

उन्होंने कहा कि यह मैराथन दौड़ 21 अक्तूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचेगी। इस दिन का महत्व यह है कि वर्ष 1943 में 21 अक्तूबर को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सिंगापुर में ‘आजाद हिंद सरकार’ बनाई थी। 

मैराथन दौड़ में शामिल महिला अधिकारियों में से एक कमांडर मनदीप कौर ने दौड़ का हिस्सा बनने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 75वें ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर दौड़ का हिस्सा बनना गर्व का क्षण है।
 

विस्तार

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एकीकृत रक्षा कर्मचारी मुख्यालय की ओर से आयोजित मैराथन दौड़ शनिवार को आगरा पहुंची। यहां सैन्य अफसरों का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। रविवार सुबह इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से ब्रिगेडियर पीके सिंह एसएम ने दौड़ को झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया। यह मैराथन दौड़ सात दिनों में 350 किमी की दूरी तय करेगी।

इस दौड़ की शुरुआत 15 अक्तूबर को ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई स्मारक से हुई है, जो 21 अक्तूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर समाप्त होगा। एकजुटता से जीत के नारे के साथ मैराथन दौड़ की टीम का नेतृत्व 56 वर्षीय कोमोडोर जोगिंदर चंदना कर रहे हैं, जो टीम के सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं।

लखनऊ के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि मैराथन दौड़ के धावक शनिवार को आगरा पहुंचे और रविवार की सुबह हरी झंडी दिखाकर शहर के अंदर और आसपास 50 किमी की दूरी तय की।

दौड़ में महिला अधिकारी भी शामिल
कमोडोर चंदना ने कहा कि हमने अपनी यात्रा 15 अक्तूबर से ग्वालियर से महारानी लक्ष्मी बाई स्मारक से शुरू की है। टीम में दो महिला अधिकारियों सहित सात सदस्य हैं। दो नौसेना से हैं, तीन से वायु सेना और दो सेना से हैं।

जोगिंदर चंदना ने बताया कि हमने ग्वालियर इसलिए चुना क्योंकि रानी लक्ष्मीबाई स्मारक ग्वालियर में हैं। उन्होंने ग्वालियर में 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और 1858 में ग्वालियर में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

उन्होंने कहा कि यह मैराथन दौड़ 21 अक्तूबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहुंचेगी। इस दिन का महत्व यह है कि वर्ष 1943 में 21 अक्तूबर को नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सिंगापुर में ‘आजाद हिंद सरकार’ बनाई थी। 

मैराथन दौड़ में शामिल महिला अधिकारियों में से एक कमांडर मनदीप कौर ने दौड़ का हिस्सा बनने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 75वें ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर दौड़ का हिस्सा बनना गर्व का क्षण है।