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लखीमपुर हिंसा पर सुप्रीम फटकार: रात तक किया इंतजार, क्यों नहीं अपलोड हुई स्टेटस रिपोर्ट? सरकार बोली- सुनवाई टाल दीजिए

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सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे।आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अभी मिली है। जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम एक दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जाए।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पर यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अंतिम समय में मिली है। जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम एक दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जानी चाहिए। वहीं इसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया।

आपने 44 लोगों की गवाही ली है, बाकी की क्यों नहीं: सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार से पूछा कि आपने 44 लोगों की गवाही ली है, बाकी की क्यों नहीं? साल्वे ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल प्रक्रिया चल रही है। साल्वे ने कहा कि दो अपराध हैं। एक मामला किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का और दूसरा लिंचिंग का। पहले मामले में दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि कुछ लोग न्यायिक हिरासत और कुछ पुलिस हिरासत में क्यों हैं ? सभी को पुलिस हिरासत क्यों नहीं? इसपर यूपी सरकार की ओर से बताया गया है कि चार आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और छह आरोपी पहले पुलिस हिरासत में थे अब न्यायिक हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के 164 के तहत बयान जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं। साथ ही गवाहों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।

हिंसा के 70 से ज्यादा वीडियो मिले, क्राइम सीन भी रिक्रिएट किया: यूपी सरकार
उधर, यूपी सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है इनमें भी सबूत मिले हैं। हमें 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। साल्वे ने बताया कि क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया गया और पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। दशहरे की छुट्टी में कोर्ट बंद होने पर बयान दर्ज नहीं हो सके।

26 अक्तूबर तक के लिए टली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 26 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए और समय मांगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 26 अक्तूबर से पहले तक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

विस्तार

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में देरी पर यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने कहा कि कल रात एक बजे तक इंतजार करते रहे। आपकी स्टेटस रिपोर्ट हमें अंतिम समय में मिली है। जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम एक दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जानी चाहिए। वहीं इसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया।

आपने 44 लोगों की गवाही ली है, बाकी की क्यों नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने यूपी सरकार से पूछा कि आपने 44 लोगों की गवाही ली है, बाकी की क्यों नहीं? साल्वे ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल प्रक्रिया चल रही है। साल्वे ने कहा कि दो अपराध हैं। एक मामला किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का और दूसरा लिंचिंग का। पहले मामले में दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि कुछ लोग न्यायिक हिरासत और कुछ पुलिस हिरासत में क्यों हैं ? सभी को पुलिस हिरासत क्यों नहीं? इसपर यूपी सरकार की ओर से बताया गया है कि चार आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और छह आरोपी पहले पुलिस हिरासत में थे अब न्यायिक हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के 164 के तहत बयान जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं। साथ ही गवाहों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए।

हिंसा के 70 से ज्यादा वीडियो मिले, क्राइम सीन भी रिक्रिएट किया: यूपी सरकार

उधर, यूपी सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है इनमें भी सबूत मिले हैं। हमें 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। साल्वे ने बताया कि क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया गया और पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। दशहरे की छुट्टी में कोर्ट बंद होने पर बयान दर्ज नहीं हो सके।

26 अक्तूबर तक के लिए टली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 26 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दिया क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए और समय मांगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 26 अक्तूबर से पहले तक की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।