जलाओ दीये पर रहे ध्यान इतना अंधेरा धरा पर कहीं रह ना जाए। दिवाली यानी रोशनी का त्योहार। रोशनी के त्योहार पर पटाखे जलाकर भी लोग जश्न मनाते हैं। बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोग इको फ्रेंडली पटाखों का रुख भी कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पटाखों को खाया भी जा सकता है। जी हां, बिल्कुल। इस दिवाली त्योहार की मिठास और खुशियों को बांटने के लिए खाने वाले पटाखे भी बनकर तैयार हैं।रॉकेट से लेकर अनार तक खास चॉकलेट पटाखे
यूपी के मुरादाबाद शहर की पहचान पीतल नगरी के रूप में है। लेकिन यहां की एक महिला ने दिवाली से पहले एक अनूठा प्रयोग किया है। ग्रीन दिवाली मनाने का संदेश देते हुए इस महिला ने चॉकलेट पटाखे बनाए हैं। अगर आप दूर से देखेंगे तो किसी आम पटाखे की तरह ही लगेंगे। लेकिन करीब से देखने पर आपको हकीकत समझ में आएगी। रॉकेट, फुलझड़ी और अनार जैसे अलग-अलग रूपों में खाने वाले ये खास चॉकलेट पटाखे बनाए गए हैं।
प्रदूषण फैलने से रोकें, पटाखे जलाएं नहीं खाएं
दरअसल दिवाली पर होने वाला प्रदूषण एक बड़ी चुनौती बन रहा है। ऐसे में जरूरत है ऐसी दिवाली मनाने की, जो प्रदूषण मुक्त हो। मुरादाबाद की महिला की पहल इसी दिशा में सकारात्मक कोशिश को दिखा रही है। चॉकलेट पटाखे बनाने वाली महिला का कहना है, ‘प्रदूषण बहुत फैल रहा है इसलिए पटाखे जलाएं नहीं बल्कि उसे खाएं।’
हल्दी-केसर से बने पटाखे इम्यूनिटी बूस्टर
दरअसल कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच बहुत से लोगों ने कुछ अलग हटकर करने का प्रयास किया। मुरादाबाद की महिला को भी लॉकडाउन के दौरान कुछ नया करने की प्रेरणा मिली। वह कहती हैं कि चॉकलेट पटाखे को मैंने लॉकडाउन में बनाना शुरू किया था। चॉकलेट पटाखे मैंने हल्दी और केसर से बनाए हैं, इसलिए यह इम्युनिटी बूस्टर भी है।
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