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राज्य में तिलहनी फसलों की बुआई शुरू :: 2.80 लाख हेक्टेयर में होगी बोनी

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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने राज्य के किसान भाईयों से गौठानों में गौ माता के चारे की व्यवस्था के लिए पैरा-दान करने की अपील की है। किसान भाईयों के नाम जारी अपनी अपील में मुख्यमंत्री ने कहा है कि आप सब को मालूम है कि राज्य के गांवों में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सुराजी गांव योजना के तहत गौठान बनाए गए है। इन गौठानों में गोधन के चारे एवं पानी का निःशुल्क प्रबंध गौठान समितियों द्वारा किया गया है। पशुधन के लिए गौठानों में सूखे चारे का पर्याप्त प्रबंध हो सके इसके लिए किसान भाईयों से आग्रह है कि धान की कटाई के बाद खेतों में पैरा को जलाने की बजाय अपने गांव की गौठान समिति को बीते वर्ष भांति इस साल भी पैरा-दान करें। इससे गोधन के लिए चारे का इंतजाम करने में समितियों को आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने गोधन के चारे के लिए सर्वाधिक पैरा-दान करने वाले कृषक एवं सर्वाधिक पैरा एकत्र करने वाली गौठान प्रबंध समिति को विकासखंड स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गौठानों में पैरा-दान से चारे की व्यवस्था के लिए कलेक्टरों को प्रेषित अपने पत्र में कहा है कि राज्य में धान फसल की कटाई बहुतायत रूप से कंबाईन हार्वेस्टर से की जाती है। जिसके फलस्वरूप पैरा खेतों में फैल जाता है। खेतों में फैले हुए पैरा को आमतौर पर किसान भाई एकत्र करने के बजाय जला देते है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है और पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन्होंने कलेक्टरों को धान फसल की कटाई के बाद खेतों में फैले हुए पैरे को सुविधानुसार एकत्र कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने इसके लिए कल्टीवेटर के पीछे तार जाली लगाकर या देशी यंत्र कोपर द्वारा खेतों में फैले हुए पैरा को एकत्र कराने तथा बंडल बनवाकर गौठानों में सुरक्षित रूप से रखवाए जाने को कहा है। उन्होंने गौठान प्रबंधन समिति को गौठानों में आने वाले पशुओं की संख्या के मान से पैरा की व्यवस्था करने को कहा है।

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