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आगरा में प्रदूषण: बेहद जहरीली हुई ताजनगरी की हवा, 308 पर पहुंचा वायु गुणवत्ता सूचकांक

दिवाली से ऐन पहले आगरा की हवा बेहद जहरीली हो गई। शुक्रवार को आगरा प्रदूषण के रेड जोन में आ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शुक्रवार शाम को जारी किए गए प्रदूषण के आंकड़ों में शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषण ताजमहल के पास रहा, जबकि पूरे शहर से ताजमहल पर प्रदूषण कम रहता था। पहली बार ताजमहल से सटे बेहद घने और हरे भरे शाहजहां पार्क में प्रदूषण स्तर 319 पर जा पहुंचा, जबकि शहर में इसका औसत 308 दर्ज किया गया। शाहजहां पार्क से सटे पीएसी मैदान में मेट्रो शेड के निर्माण कार्य के कारण यहां प्रदूषण में बढ़ोत्तरी को प्रमुख वजह माना जा रहा है। पूरे शहर से ज्यादा ताजमहल के पास हवा की सेहत सबसे ज्यादा खराब हुई, जबकि ताज को प्रदूषण से बचाने के लिए टीटीजेड अथॉरिटी ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं।

इन क्षेत्रों में प्रदूषण के हालात ये
स्थान                                                 एक्यूआई
शाहजहां पार्क                                      319
आवास विकास                                      318
शास्त्रीपुरम                                           296
संजय प्लेस                                          283
मनोहरपुर                                                 274
सात गुना ज्यादा पहुंचे सूक्ष्म धूल कण
दिवाली से पहले बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंची आगरा की हवा में खतरनाक सूक्ष्म कण पीएम 2.5 की मात्रा 442 पर पहुंच गई जो सामान्यत: 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए थी। यह सामान्य से 7 गुना ज्यादा है, वहीं कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा भी सामान्य से 26 गुना ज्यादा है। यह 4 के मुकाबले 106 माइक्रोग्राम पर पहुंच गई। ताजमहल के पास सात गुना ज्यादा प्रदूषण से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।
सड़कों, पौधों पर जमा धूल की मोटी परत
कागजों में एयर एक्शन प्लान और ग्रेडेड एक्शन प्लान तैयार किया गया है,  जिसमें 200 के पार एयर क्वालिटी इंडेक्स होने पर सड़कों, पौधों पर जमा धूल हटाने केर लए पानी का छिड़काव, निर्माण कार्यों पर रोक और 300 से ज्यादा एक्यूआई पर ऑड, इवन, डीजल वाहनों का संचालन बंद, जनरेटर, कोयला आदि जलाने पर पूरी तरह से रोक जैसे कदम शामिल हैं, लेकिन धूल की मोटी परत जमा होने पर भी खोदाई वाले क्षेत्रों में न पानी का छिड़काव किया जा रहा है और  न ही पर्दे लगाकर काम किया जा रहा है। पौधों की पत्तियों पर धूल की मोटी परत के कारण उनका हरा रंग तक नजर नहीं आ रहा।

जलनिगम, समार्ट सिटी और मेट्रो के अधिकारी धूल रोकने के उपाय नहीं कर रहे हैं। तत्काल पानी का छिडकाव और पर्दे लगाए जाएं, अन्यथा काम रोक दिया जाए। नगर निगम को सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और पौधों की धुलाई शुरू करनी चाहिए। – केशो मेहरा, सदस्य टीटीजेड अथॉरिटी

जलनिगम, मेट्रो, स्मार्ट सिटी समेत सभी निर्माण इकाईयों को नोटिस जारी किए गए हैं कि वह काम्प्रहेंसिव एक्शन प्लान का पालन करें और धूल रोकने के उपाय करें। प्रदूषण रोकने के लिए सभी विभागों की जिम्मेदारियां तय हैं, उनका पालन करना होगा। – विश्वनाथ शर्मा, प्रभारी अधिकारी, यूपीपीसीबी

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