अमित तिवारी, कासगंज
कासगंज के आध्यात्मिक एवं पौराणिक नगर सोरों जी शूकर क्षेत्र को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। गुरुवार दोपहर को मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @CMOfficeUP से सोरों जी को तीर्थस्थल घोषित किए जाने के निर्णय की सूचना जारी की गई।
4 वर्षों से चल रहा था आंदोलन
आंदोलन के मुखिया भूपेश शर्मा ने कहा कि वह और उनके अन्य तीर्थ पुरोहित पिछले 4 वर्षों से सोरों जी को तीर्थस्थल घोषित कराने की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सोरों जी को तीर्थस्थल घोषित होने की आधिकारिक सूचना जारी होते ही 4 वर्षों से तीर्थस्थल की मांग को लेकर चला आ रहा गैर राजनीतिक आंदोलन अब समाप्त कर दिया गया है। तीर्थस्थल की घोषणा के बाद अब इस बात का इंतज़ार रहेगा कि सोरों जी के आध्यात्मिक एवं ढांचागत विकास के लिए 3 वर्ष से शासन स्तर पर प्रतीक्षा सूची में पड़े 114 करोड़ के डीपीआर को भी अति शीघ्र स्वीकृति मिले।
घोषणा के बाद तीर्थ नगरी में हर्ष
सोरों जी को लेकर तीर्थस्थल की आधिकारिक घोषणा के बाद तीर्थ नगरी में हर्ष का माहौल है। नगर में जमकर आतिशबाजी की गई। वहीं, बैंडबाजे के साथ लोग एक-दूसरे लड्डू बांटते और खिलाते हुए नज़र आए।
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सोरों जी शूकर क्षेत्र का आध्यात्मिक पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्त्व
पौराणिक अनुश्रुतियों के अनुसार, सोरों जी शूकर क्षेत्र वैदिक संस्कृति के 51 आदि तीर्थों में से एक है। यहां पर स्थित हरिपदी कुंड में भगवान विष्णु के तृतीय अवतार भगवान वराह को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी। वहीं, प्रतिवर्ष भारतवर्ष के 10 राज्यों से लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की पितृ मोक्ष कर्मकाण्ड क्रिया के लिए सोरों जी को आते हैं। यहां के हरिपदी कुण्ड में विसर्जित होने वाली अस्थियां 24 घंटे में ही कुण्ड के जल में घुल जातीं हैं। आश्चर्य की बात यह है कि कोई भी वैज्ञानिक आजतक इस रहस्य को नहीं सुलझा पाया।
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