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आगरा में कृषि विभाग का छापा: नकली खाद फैक्टरी पकड़ने के बाद हुआ चौंकाने वाला खुलासा, डिटरजेंट-सोडा से बना रहे थे खाद

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आगरा में कृषि विभाग ने रहनकला में ब्रांडेड कंपनी के नाम से नकली खाद (नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश ) बनाने की फैक्टरी पकड़ी है। यहां डिटरमेंट, जिप्सम और सोडा मिलाकर नकली खाद बनाया जा रहा था। टीम ने 543 बोरो में 277.5 क्विंटल नकली खाद समेत मशीनें जब्त की हैं। पुलिस ने ट्रक भी जब्त किया है। डीएम को भी रिपोर्ट दे दी है।
गोदाम में ट्रक से उतर रहे थे बोरे
जिला कृषि अधिकारी विनोद सिंह ने बताया कि रहनकला में शुक्रवार की देर रात को पुलिस के साथ गोदाम पर छापा मारा। गोदाम में ट्रक से बोरे से उतर रहे थे। यहां पर प्रशांत कुमार मिला, जिसने बताया कि वह ओम ट्रेडर्स जीवनीमंडी के श्रीभगवान गुप्ता निवासी बल्केश्वर का कर्मचारी है और उनके कहने पर बोरों की गिनती करने के लिए आया है। यहीं पर ठेकेदार रामनारायण भी मिला, उसने बताया कि संजय पुत्र लीलाधर के कहने पर आठ मजदूरों को लेकर बोरा उतरवाने आया है।
पूछताछ में नकली खाद की बात आई सामने
पूछताछ में उन्होंने नकली खाद बनाकर बाजार में आपूर्ति की बात कही। इस पर ट्रेडर्स के मालिक श्रीभगवान गुप्ता, फतेहाबाद के मोहल्ला जाटवन निवासी संजय पुत्र लीलाधर, यहीं के निवासी प्रशांत कुमार पुत्र संजय, एत्मादपुर के गढ़ी बच्ची निवासी ठेकेदार रामनारायण और प्लाट मालिक मनोज भार्गव के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश-1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम -1955 के तहत एफआइआर दर्ज कराई है।

यह सामान किया जब्त:
ब्रांडेड कंपनी के खाली 586 बैग, दो इलेक्ट्रोनिक तराजू, एक सिलाई मशीन और धागा, प्लास्टिक की कट्टियां 12(प्रति पैकेट 50 किलो) , सफेद पाउडर से भरे पैकेट 43 (प्रति पैकेट 50 किलो) और जिप्सम ग्रेनुअल से भरे सफेद पैकेट 500 (प्रति पैकेट 50 किलो) मिला।

150 रुपये की लागत से 1000 रुपये की कमाई
– जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि फैक्टरी में नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश बनाया जा रहा था। इसकी 50 किलो का पैकेट 1000 रुपये की कीमत में आता है। डिटरजेंट, सोडा और जिप्सम से नकली खाद बना रहे थे, इसकी लागत करीब 150 रुपये थी। यह नकली खाद कहां-कहां बेचा जा रहा था, पुलिस इसकी जांच करेगी। नकली खाद या फिर कालाबाजारी की शिकायत के लिए उर्वरक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।