आगरा के सिकंदरा बाईपास स्थित कार शोरूम के मैनेजर रंजीत खरे की हत्या के मामले में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, अजनबी मददगारों ने पहले रंजीत से दोस्ती की। लूट करने के लिए 24 घंटे बाद ही पार्टी के बहाने बुलाया। कार में बैठकर गला रेत दिया। इसके बाद शव को फेंक आए, जो मिला उसे लूट लिया। पुलिस जल्द घटना का खुलासा कर सकती है।
मुरैना में मिला था शव
मोती कटरा स्थित सब्जी मंडी निवासी रंजीत खरे 18 अक्तूबर की रात को लापता हो गए थे। 19 अक्तूबर को उनका शव मुरैना में मिला था। शर्ट पर लगे कार शोरूम के टैग से उनकी पहचान हुई थी। उनकी गला रेतकर हत्या की गई थी। उनका मोबाइल, पर्स, कार सहित अन्य दस्तावेज नहीं मिले थे। 20 अक्तूबर को उनकी कार फोर्ट स्टेशन के बाहर खड़ी मिल गई थी। कार की नंबर प्लेट को अंदर ही रख दिया गया था।
एडीजी के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा
एडीजी जोन के आदेश पर 22 अक्तूबर को थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने विवेचना की। लग रहा था कि नजदीकी ने हत्या की है। मोबाइल की कॉल डिटेल में पुलिस को कई नंबर मिले थे। पुलिस इससे पड़ताल में जुट गई। इसके बाद पुलिस को सुराग मिल गए।
नाले में फंस गई थी कार
सूत्रों ने बताया कि रंजीत की कार घटना से एक दिन पहले ककरैठा के पास नाले में फंस गई थी। रंजीत ने कार को नाले से निकलवाने में रास्ते से बाइक पर जा रहे दो युवकों से मदद मांगी थी। मदद करने के कारण रंजीत ने युवकों से दोस्ती कर ली। युवकों को लगा कि रंजीत काफी अमीर है। उन्हें लूटने पर अच्छी रकम मिल जाएगी। इसलिए अगले दिन ही पार्टी के बहाने बुला लिया। रंजीत तबअपने एक कर्मचारी की पार्टी में गए थे। रात सवा नौ बजे वहां से निकल गए। दोनों युवक भी मिल गए। उन्होंने साथ में बैठकर कार में ही पार्टी की। शराब में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दीं। इसके बाद कार में रंजीत की गला रेतकर हत्या कर दी। शव को फेंक आए। कार को भी खड़ा कर दिया। थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि हत्याकांड के संबंध में सुराग मिले हैं। पड़ताल की जा रही है।
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