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Editorial :ममता को अब रास नहीं आ रही विपक्षी एकता

03-11-2021

2024 के लोकसभा चुनाव में अभी वक्त है। इससे पहले उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बजने वाले हैं। तमाम सियासी दलों के नेता विजयी पताका फहराने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। अब किसके हाथ सफलता लगती है और किसके नहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले कांग्रेस को जिस तरह से झटके पर झटके लग रहे हैं, उसे लेकर कांग्रेस के आलाकमान अलर्ट मोड पर आ गए हैं और इसकी वजह बनी हुईं हैं ममता बनर्जी। जी हां… ममता बनर्जी की वजह से कांग्रेस के पसीने छूट गए हैं। वैसे भी आजकल ममता मोदी की मुरीद बन चुकीं हैं। गोवा की चुनावी जनसभा को संबोधित करने के दौरान उन्होंने कांग्रेस को  लताड़ लगाते हुए जिस तरह पीएम मोदी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़े थे। वो तो आपकी पता ही होगा। अगर नहीं पता तो हम आपको बता दें कि ममता ने गोवा के चुनावी जनसभा को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि आज कांग्रेस की त्रुटियों के नतीजतन ही बीजेपी का सियासी कद बढ़ता जा रहा है।

    खासकर जिस तरह से पीएम मोदी का सियासी व्यक्तित्व विराट होता जा रहा है, उससे कहीं न कहीं बीजेपी को अपनी सियासी बिसात बिछाने में मदद मिल रही है और इन सबकी जिम्मेदार कांग्रेस है। कांग्रेस की वजह से बीजेपी की सियासी शक्तियों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब आप ही बताइए कि ममता जैसी किसी नेता का बीजेपी के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ना कांग्रेस को हजम होगा। जवाब बिल्कुल स्पष्ट है, नहीं होगा, तो जैसे ही बंगाल में कांग्रेस की डूबती नईया को संभाल रहे अधीर रंजन चौधरी को खबर लगी कि ममता दीदी ने बीजेपी की शान में बहुत कुछ कह दिया है, तो अधीर साहब के पहले तो पैरों तले जमीं खिसकी इसके बाद उन्होंने ममता की ही क्लास लगा दी। उन्होंने ममता दीदी को गोवा में चुनाव से पहले ही हार के डर दिखा दिए। अधिर रंजन चौधरी  कहने लगे कि टीएमसी राज्यीय दल है, लिहाजा उसे अन्य राज्यों में अपनी सियासी बिसात बिछाने के लिए कांग्रेस का सहारा लेना होगा। वहीं, ममता को जैसे ही पता लगा तो उन्होंने तिलमिलाते हुए कांग्रेस को जमकर फटकार लगा दी।

इससे तो एक साफ जाहिर होता है कि 2024 के लोकसभा समेत अन्य विधानसभा चुनाव से पहले जिस तरह कांग्रेस और टीएमसी की यारी टूटती हुई नजर आ रही है। इसके एक वजह यह भी बताई जा रही है कि बंगाल कांग्रेस ने टीएमसी के खिलाफ ही चुनाव लड़ा था, जिससे खफा हुईं ममता ने अब कांग्रेस को सबक सिखाने का मन बना लिया है। माना जा रहा है कि यह सब तो अभी बस ट्रिजर है। अभी तो ममता ट्रेलर भी दिखाएंगी। अब आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जब ट्रिजर ही ऐसा है, तो ट्रैलर कैसा होगा। खैर, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि टीएमसी ने कांग्रेस पर फिर हमला बोला है। टीएमसी ने कांग्रेस को बीजेपी का बीमा बताया है। अब ऐसे में कहीं आने वाले दिनों में टीएमसी कांग्रेस को बीजेपी की बी टीम ना बता दें। खैर, अब आगे इन दोनों सियासी दलों के पारस्परिक रिश्ते क्या रुख अख्तियार करते हैं।

यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन उससे पहले यहां एक गौर करने वाली बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से जिस तरह विपक्षी एकता बिखर रही है, उसका खामियाजा कहीं आने वाले चुनाव में कांग्रेस को न हो जाए। टीएमसी से लेकर सपा, सपा से लेकर बसपा, हर जगह से कांग्रेस को निराशा ही हाथ लग रही है, ऐसे में कांग्रेस क्या आने वाले चुनाव में पीएम मोदी के विराट करिशमाई नेतृत्व को बौना साबित करने में कामयाब हो पाएगी या नहीं। यह एक बड़ा सवाल है। बीते दिनों जिस तरह लखीमपुर हिंसा मामले को लेकर अखिलेश और प्रियंका आपस में उलझते हुए दिखे और बंगाल में जिस तरह ताजा स्थिति बनी हुई है, उसका आने वाले चुनावों के दौरान कांग्रेस बीजेपी के विराट व्यक्तित्व का सामना कैसे करती है। यह प्रश्न अभी भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है।