जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी मुआवजा जारी करने में कमी के एवज में 1.59 लाख करोड़ रुपये का बैक-टू-बैक ऋण पहले ही जारी किया जा चुका है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को निर्धारित उपकर में से राज्यों को 17,000 करोड़ रुपये का माल और सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा जारी किया है, इस तंत्र के तहत राज्यों को जारी मुआवजे की कुल राशि वित्त वर्ष 22 में अब तक 60,000 करोड़ रुपये हो गई है।
जीएसटी परिषद के निर्णय के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान जीएसटी मुआवजा जारी करने में कमी के एवज में 1.59 लाख करोड़ रुपये का बैक-टू-बैक ऋण पहले ही जारी किया जा चुका है।
इस वित्तीय वर्ष में राज्यों को एक के बाद एक ऋण के रूप में प्रदान की गई 1.59 लाख करोड़ रुपये की राशि वित्त वर्ष 22 के दौरान राज्यों को जारी किए जाने वाले उपकर संग्रह के आधार पर 1 लाख करोड़ रुपये के मुआवजे से अधिक होगी।
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान में कहा था, “कुल 2.59 लाख करोड़ रुपये की राशि वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी मुआवजे की राशि से अधिक होने की उम्मीद है।”
यदि कमी अनुमानित 2.59 लाख करोड़ रुपये से कम है, तो पिछले वर्ष के बकाया का एक हिस्सा वित्त वर्ष 22 में साफ किया जाएगा।
जबकि पिछले साल आरबीआई-सक्षम तंत्र के तहत उधार ली गई राशि 1.1 लाख करोड़ रुपये थी, केंद्र ने संसद में स्वीकार किया था कि 81,179 करोड़ रुपये की राशि अभी तक राज्य सरकारों को उनके जीएसटी राजस्व की कमी के लिए पूरी तरह से क्षतिपूर्ति करने के लिए जारी नहीं की गई थी। वित्त वर्ष 21।
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