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आगरा बार एसोएिसशन: संघर्ष समिति के संयोजक और सचिव पद पर चयन के बाद वाद-विवाद

उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक पद पर अरुण सोलंकी और सचिव पद शैलेंद्र रावत के चयन पर विवाद खड़ा हो गया है। आगरा बार एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी बाहर के पदाधिकारियों की बैठक करके संघर्ष समिति को भंग कर दिया गया है। आगे की कार्यवाही के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।

विभिन्न बार एसोसिएशन की संयुक्त समीक्षा बैठक बुधवार को आगरा बार एसोसिएशन के पुस्तकालय भवन में आयोजित की गई। इसमें आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार जैन, ग्रेटर आगरा बार के अध्यक्ष दुर्ग सिंह दुर्ग विजय सिंह भैया, आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, यूनाइटेड बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश शर्मा मौजूद रहे। इसमें 30 अक्तूबर को उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक एवं सचिव की चयन प्रक्रिया की समीक्षा की गई। कहा गया कि बैठक की पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई थी। इसके बाद बैठक को असंवैधानिक और पूर्व प्रायोजक ठहराया गया है, साथ ही समिति के संयोजक पद पर अरुण कुमार सोलंकी और सचिव पद पर शैलेंद्र रावत के चयन को खारिज कर दिया। बैठक की कार्रवाई को रद्द कर दिया गया। संघर्ष समिति के पुनर्गठन तक अग्रिम कार्रवाई के लिए पांच सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। इसमें यूनाइटेड बार के अध्यक्ष नरेश शर्मा, आगरा बार के कार्यकारिणी सत्य प्रकाश सिंह, आगरा एडवोकेट के सचिव वीरेंद्र फौजदार, हेमंत भारद्वाज और रंगमंच के अध्यक्ष अजय चौधरी को नियुक्त किया गया है। बैठक का संचालन आगरा बार के सचिव राम प्रकाश शर्मा ने किया।

समिति को भंग करने का अधिकार नहीं
संयोजक अरुण सोलंकी ने कहा कि उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है उन जिलों की सभी बार के अध्यक्ष और सचिव पदेन सदस्य होते हैं वह प्रदेश सह संयोजक और सह सचिव होते हैं कुछ बार के अध्यक्ष और सचिव को संघर्ष समिति को भंग करने का कोई अधिकार नहीं है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं का साधारण सभा में ही है अधिकार है समिति का चुनाव आगरा बार एसोसिएशन के सभागार में सभी बार के पदाधिकारियों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से कराया गया था

आगरा: पार्किंग शुल्क अधिक मांगना ठेकेदार को पड़ा भारी, अधिवक्ता की शिकायत पर पुलिस ने किया गिरफ्तार

उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक पद पर अरुण सोलंकी और सचिव पद शैलेंद्र रावत के चयन पर विवाद खड़ा हो गया है। आगरा बार एसोसिएशन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी बाहर के पदाधिकारियों की बैठक करके संघर्ष समिति को भंग कर दिया गया है। आगे की कार्यवाही के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।

विभिन्न बार एसोसिएशन की संयुक्त समीक्षा बैठक बुधवार को आगरा बार एसोसिएशन के पुस्तकालय भवन में आयोजित की गई। इसमें आगरा बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार जैन, ग्रेटर आगरा बार के अध्यक्ष दुर्ग सिंह दुर्ग विजय सिंह भैया, आगरा एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, यूनाइटेड बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश शर्मा मौजूद रहे। इसमें 30 अक्तूबर को उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक एवं सचिव की चयन प्रक्रिया की समीक्षा की गई। कहा गया कि बैठक की पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई थी। इसके बाद बैठक को असंवैधानिक और पूर्व प्रायोजक ठहराया गया है, साथ ही समिति के संयोजक पद पर अरुण कुमार सोलंकी और सचिव पद पर शैलेंद्र रावत के चयन को खारिज कर दिया। बैठक की कार्रवाई को रद्द कर दिया गया। संघर्ष समिति के पुनर्गठन तक अग्रिम कार्रवाई के लिए पांच सदस्य कमेटी का गठन किया गया है। इसमें यूनाइटेड बार के अध्यक्ष नरेश शर्मा, आगरा बार के कार्यकारिणी सत्य प्रकाश सिंह, आगरा एडवोकेट के सचिव वीरेंद्र फौजदार, हेमंत भारद्वाज और रंगमंच के अध्यक्ष अजय चौधरी को नियुक्त किया गया है। बैठक का संचालन आगरा बार के सचिव राम प्रकाश शर्मा ने किया।

समिति को भंग करने का अधिकार नहीं

संयोजक अरुण सोलंकी ने कहा कि उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है उन जिलों की सभी बार के अध्यक्ष और सचिव पदेन सदस्य होते हैं वह प्रदेश सह संयोजक और सह सचिव होते हैं कुछ बार के अध्यक्ष और सचिव को संघर्ष समिति को भंग करने का कोई अधिकार नहीं है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं का साधारण सभा में ही है अधिकार है समिति का चुनाव आगरा बार एसोसिएशन के सभागार में सभी बार के पदाधिकारियों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से कराया गया था

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